कोरोना संकट के इस मुश्किल समय में सोसाइटी फ़ॉर ब्राइट फ़्यूचर द्वारा कोविड-19 हेल्पडेस्क की स्थापना कर दिल्ली, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल की 50 अलग-अलग जगहों पर लोगों की मदद की गई है।
सोसाइटी फ़ॉर ब्राइट फ़्यूचर के राष्ट्रीय समन्वयक श्री इरफ़ान अहमद ने कहा कि हेल्पडेस्क स्थापित करने के एक महीने के अन्दर, एस.बी.एफ़ मानवता की सेवा करने और लोगों की समय पर मदद करने में सक्षम रहा।
उन्होंने बताया कि सोसाइटी फ़ॉर ब्राइट फ़्यूचर द्वारा अन्य राज्यों में भी राहत केंद्र स्थापित करने के लिए काम चल रहा है, ताकि हम कोविड-19 को हरा सकें।
सोसाइटी फ़ॉर ब्राइट फ़्यूचर ऐसी क्षमता पैदा करने के लिए काम कर रहा है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर यह समय पर काम कर सके। अतीत में एस.बी.एफ. ने बिहार, असम, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, आश्रय, कंबल, पानी, भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करके प्राकृतिक आपदाओं से निबटने का कार्य किया है।
एस.बी.एफ़ के आपातकालीन और राहत कार्यक्रम में बुनियादी ज़रूरतों जैसे भोजन, पानी, कपड़े, आश्रय और आपात स्थिति के दौरान चिकित्सा सहायता का प्रावधान शामिल है। यह वॉलंटियर्स और आम जनता को आपदाओं का सामना करने और उनसे निबटने के लिए तैयार करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है।
एस.बी.एफ़ के पुनर्वास कार्यक्रम में विकलांग सहायता कार्यक्रम, प्रभावित आबादी के पुनर्वास और रोज़गार सहायता शामिल हैं। एस.बी.एफ़ का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति से निबटना और पुनर्वास है।
एस.बी.एफ़ के वॉलंटियर्स कोऑर्डिनेटर आमिर जमाल ने बताया कि कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण, अस्पतालों में बिस्तर और ऑक्सीजन सिलेंडर ख़त्म हो रहे थे और कई लोग पहले ही अपने परिवार और प्रियजनों को खो चुके थे। ऐसे में हमारे लिए ज़रूरी था कि हम आगे आएं और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें।
उन्होंने बताया कि एस.बी.एफ़ के प्रयासों से अब तक करीब एक लाख बीस हजार (119681) लोगों को लाभ पहुंचा है।
एस.बी.एफ़ ने दिल्ली, असम (उत्तर और दक्षिण), बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश (पूर्व और पश्चिम) और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 50 विभिन्न स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं।
एस.बी.एफ़ 20 अप्रैल, 2021 से कोविड-19 हेल्पडेस्क चला रहा है और देश भर में इन राहत प्रयासों में लगभग 500 वॉलिंटियर सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। हेल्पडेस्क का उद्देश्य जानलेवा कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाना, उन्हें यह बताना कि ज़रूरत पड़ने पर ऑक्सीजन कहां से प्राप्त करना है, अस्पताल के बिस्तर, कोविड परीक्षण और दवाइयों के बारे में जानकारी प्रदान करना है। एस.बी.एफ़ ने अब तक 119,681 लोगों को लाभान्वित किया है।
एस.बी.एफ़ राहत केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं में जन-जागरूकता, बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफ़िलिंग और प्लाज़्मा की आपूर्ति, मास्क और सैनिटाइज़र का वितरण, राहत केंद्रों पर थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर का वितरण, दिहाड़ी मज़दूरों के लिए राशन किट का वितरण आदि शामिल हैं। कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में एस.बी.एफ. एकजुट होकर मानवता की रक्षा के लिए स्वेच्छा से आगे बढ़ा। एस.बी.एफ़ अन्य राज्यों में भी राहत केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
ऑक्सीजन सिलेंडरों, अस्पतालों और अन्य आवश्यक चीज़ों की कमी के कारण, एस.बी.एफ़ ने 14 राज्यों को कवर किया और 50 राहत केंद्र स्थापित किए, ताकि जो लोग उनमें से किसी चीज़ का प्रबंध करने में असमर्थ हों, उनको सभी आवश्यक वस्तुएं प्रदान की जा सकें। साथ ही एस.बी.एफ़ अब तक 119681 लोगों की मदद करने में सफल रहा है। 7035 व्यक्तियों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति और इसकी रिफ़िलिंग, 64 व्यक्तियों को प्लाज़्मा की आपूर्ति, अस्पताल के लिए 170 बिस्तरों का प्रबंध, 10050 मास्क की आपूर्ति, 9090 सैनिटाइज़र की आपूर्ति, 78000 व्यक्तियों में जन-जागरूकता, 15240 व्यक्तियों का तापमान परीक्षण, 15240 का ऑक्सीजन परीक्षण, 64 शवों को दफ़नाने के अलावा अभी भी सक्रिय है।