राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में 11 अप्रेल को हुई साम्प्रदायिक हिंसा में मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित और जिम्मेदार लोगों को आरोपी बताकर गिरफ्तारी की मांग के विरोध में अंजुमन इत्तिहादे बाहमी के पदाधिकारियों ने बारां पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया है।
अंजुमन इत्तिहाद ए बाहमी बारां जिला सचिव आबिद हुसैन ने बताया कि पिछले दिनों छबड़ा कस्बे में सम्प्रदायिक उपद्रव हुआ था। कुछ लोग माहौल को दोबारा खराब करने चाहते है, ऐसे लोग मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित और जिम्मेदार लोगों को आरोपी बताकर गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। जबकि साम्प्रदायिक हिंसा के असली आरोपी गिर्राज सिंह गुर्जर और मानसिंह गुर्जर को अभी भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।
जिला उपाध्यक्ष वसीम अहमद ने बताया कि पिछले दिनों छबड़ा में हुए साम्प्रदायिक उपद्रव में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों का नुकसान हुआ था। मुस्लिम समाज की 52 दुकानों और हिन्दू समाज की 12 दुकानों में आगज़नी हुई थी। उपद्रव में मुस्लिम समाज के तीन लोगो पर जानलेवा हमला भी हुआ था। पुलिस ने पहचान करके दोनों समुदाय के व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी कर ली है।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग छबड़ा में सामान्य होते हुए माहौल को दुबारा सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं, वह लोग भोले भाले व्यापारियों को मुआवज़ा दिलाने के नाम पर बहला-फुसलाकर मुस्लिम समाज के उन लोगों को भी आरोपी बनाने की मांग कर रहे हैं, जिनका इस पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं है । जबकि वो सभी सामाजिक कार्यकर्ता और समाज के जिम्मेदार लोग है। हम व्यापारियों की मुआवज़े की मांग का समर्थन करते हैं। लेकिन यह मांग किसी भी स्थिति में सही नही है कि जिम्मेदार लोगो को बेगुनाह होते हुए भी मुल्ज़िम बनाया जाए।
पुलिस अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन में यह लिखा है
श्रीमान यह लोग समाज के प्रतिष्ठित लोग हैं तथा विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से जुड़े हुए हैं सामाजिक और राजनीतिक कार्यों का छबड़ा शहर में इनका एक लंबा इतिहास रहा है इनमे से कई लोग सीएलजी सदस्य भी हैं।
सोमवार को छबड़ा शहर में जिन लोगों की गिरफ्तारी की मांग की गई है उन लोगों का कोई सीसीटीवी फुटेज किसी भी तरह का उपद्रव करते हुए, तोड़फोड़ करते हुए, नारेबाजी करते हुए और लोगों को भड़काते हुए नहीं है। इस तरीके का कोई सीसीटीवी फुटेज इन लोगों की गिरफ्तारी की मांग करने वाले व्यक्तियों के पास भी नहीं है इसका सीधा सा मतलब है कि राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए कुछ लोगों के जरिए इन समाज के प्रतिष्ठित जिम्मेदार लोगों को आरोपी बनाकर गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है।
मांग करने वाले लोगों ने पुलिस पर भी हिन्दू समाज की दुकानें जलाने वालो का साथ देने का आरोप लगाया है, जो हास्यपद है। प्रदर्शन करने वालो की मांग न्याय की दृष्टि में सही नहीं है यह तमाम लोग जिनको गिरफ्तारी की मांग की जा रही है इन लोगों का किसी भी तौर पर इस तरह की किसी भी घटना से कोई लेना देना नहीं है।
हकीकत में समाज के जिम्मेदार होने के नाते उपद्रव के वक्त में यह सभी लोग उपद्रवियों को समझा रहे थे। उनको शांतिपूर्ण तरीके से अपने घरों पर वापस जाने के लिए कह रहे थें। ये सारी बातें विडियो फुटेज में भी रिकॉर्ड हैं लेकिन जो लोग इन लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं वह किसी भी तरीके का कोई सबूत जो सीधे तौर पर इन लोगों को फसाद से जोड़ता हो इनके पास नही हैं इसका सीधा सा मतलब यह है कि राजनीतिक दुश्मनी के चलते सीधे-साधे व्यापारियों को बहला-फुसलाकर उनके कंधे पर बंदूक रखकर कुछ लोग इस दुश्मनी को निकाल रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए आप जैसे व्यक्ति न्याय की दृष्टि में एक पक्षीय कार्रवाई नही करेंगे और हमें न्याय प्रदान करेंगे इसी आशा के साथ हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए छबड़ा शहर में कल हुए पूरे नाटकीय घटनाक्रम को समझ कर उचित कार्यवाही करने के आदेश प्रदान करें ।
अंजुमन इत्तिहाद ए बाहमी बारां जिला सचिव आबिद हुसैन ने बताया कि पुलिस अधीक्षक विनीत बंसल ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया है कि किसी भी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और जो भी दोषी है उनको बख्शा नहीं जाएगा।
आबिद हुसैन ने बताया कि अंजुमन इत्तिहाद ए बाहमी का एक प्रतिनिधि मंडल जल्दी ही छबड़ा जाकर पीड़ित लोगों से भी मुलाकात करेगा।
ज्ञापन देने वालों में संगठन के पदाधिकारी अहतशामउद्दीन सिद्दीकी, अंजुमन सदर शकूर अहमद चिश्ती, मतीन अहमद, मोहम्मद आलम, वसीम अहमद, आबिद हुसैन आदि शामिल थे।