चुनाव समिति की बैठक से पहले पायलट ने एक नया मुद्दा छेड़ अनेक नेताओं को संकट मे डाला!
मेरे परिवार से कोई लोकसभा चुनाव नही लड़ेगा यह कहते हुये राजस्थान प्रदेश कांग्रैस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने अपनी मां रमा पायलट के अजमेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुये एक तरह से परीवारवाद से उम्मीदवार ना बनाकर आम कार्यकर्ताओं को मोके देने की पैरवी करके उम्मीदवार के चयन को लेकर जयपुर मे होने वाली राजस्थान चुनाव समिति की बैठक के ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अनेक नेताओं के सामने संकट खड़ा कर दिया है।
हालांकि राजनीतिक सूत्रो के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत की राजनीतिक लांचिंग के लिये अब सबसे अनूकूल अवसर मानकर लोकसभा चुनाव मे मुस्लिम बहुल सीट टोंक-सवाईमाधोपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा कांग्रेस के अनेक नेता भी अपने पुत्र-पुत्री, पत्नी व पुत्रवधुओ के लिये टिकट की जोड़तोड़ मे लगे हुये है। जिनमे मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा मंत्री परसादीलाल मीणा अपने पूत्र कमल मीणा के लिये दौसा से, मंत्री प्रमोद भाया जैन अपनी पत्नी उर्मिला जैन के लिये झालावाड-बारां से, मंत्री शांति धारीवाल अपनी पूत्रवधु एकता धारीवाल के लिए कोटा-बूंदी से, मंत्री भंवरलाल मेघवाल अपनी पुुत्री बनारसी मेघवाल के लिये बीकानेर व श्रीगंगानगर से, पूर्व मंत्री व विधायक भंवरलाल शर्मा अपने पूत्र अनिल शर्मा के लिये चूरु से, विधायक विजेंदर ओला अपनी पत्नी राजबाला के लिये चूरु से, पूर्व सांसद बद्री जाखड़ अपनी पुत्री मुन्नी देवी के लिये पाली से, पूर्व मंत्री व विधायक परसराम मोरदिया अपने पूत्र राकेश मोरदिया के लिए बीकानेर से, विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत अपने पुत्र बालेन्दु के लिये जालोर-सिरोही से, पूर्व मंत्री कनकमल कटारा अपने पूत्र विवेक कटारा के लिये उदयपुर से, विधायक मुरारी मीणा अपनी पत्नी सविता मीणा के लिये दौसा से, विधायक राजकुमार शर्मा अपने भाई राजपाल के लिये जयपुर से, मुख्य सचेतक महेश जोशी अपने पूत्र रोहित जौशी के लिये जयपुर ग्रामीण व जयपुर शहर से, पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा अपने पूत्र राघवेंद्र मिर्धा के लिये नागौर से, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी व विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा स्वयं जोधपुर से, पूर्व मंत्री नाथूराम मिर्धा की पूत्री ज्योती मिर्धा स्वयं नागौर से टिकट चाह रहे है।
राजस्थान मे दिग्गज कांग्रैस नेताओं के द्वारा परिवारवाद को बढावा देने के लिये अपने परिवारजनो के लिये लोकसभा की टिकट चाहने वालो की एक लम्बी सूची कायम है। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के ताजा बयान से कि वो परीवारवाद पर नही चलते हुये आम कार्यकर्ता को लोकसभा टिकट देने की वकालत करने की बात कहने के बाद जयपुर मे होने वाली चुनाव समिति की बैठक से पहले अनेक नेताओं के सामने एक नया संकट खड़ा कर दिया है।
-अशफाक कायमखानी
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है,विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख छपते रहते हैं)