जयपुर में वन क्षेत्र को बचाने के लिए देश की 29 जानी मानी हस्तियों ने गहलोत को लिखा पत्र !


डॉ. सईदा हामिद (पूर्व सदस्य, योजना आयोग), मेधा पाटकर ( नर्मदा बचाओ आंदोलन की सामाजिक कार्यकर्ता), डॉ. वंदना शिवा (पर्यावरणविद), डॉ. आशीष कोठारी (पर्यावरण सामाजिक कार्यकर्ता), डॉ. रामचंद्र गुहा (इतिहासकार), जावेद अख्तर (गीतकार), टी.एम. कृष्णा (लेखक एवं संगीतकार), अरुणा रॉय (सामाजिक कार्यकर्ता), संदीप पांडे (गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता), हर्ष मंदर (लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता), यश मारवाह (लेखक एवं पर्यावरण सामाजिक कार्यकर्ता), प्रो. अपूर्वानंद (लेखक), शबनम हाशमी (सामाजिक कार्यकर्ता), बेला भाटिया ( मानवाधिकार वकील), डॉ करेन कोएल्हो (सोशल एंथ्रोपोलॉजिस्ट ), नित्यानंद जयरामन (पर्यावरण कार्यकर्ता), लियो सालधाना (पर्यावरण कार्यकर्ता), सवाई सिंह (गांधीवादी नेता), हिमांशु ठक्कर (जल विषेशज्ञ), अरूणा रोड्रिग्स (पर्यावरण कार्यकर्ता), अनिल चामडिया (लेखक), भंवर मेघवंशी (लेखक), हर्ष वर्धन (पक्षी संरक्षक), पामेला फिलिपोज (पत्रकार), हिमांशु कुमार (गांधीवादी कार्यकर्ता), किशन मीणा ( ऑर्निथोलॉजिस्ट), वी सुरेश (मानवधिकार वकील), लारा जेसानी ( मानवाधिकार वकील), सन्नी सेबेस्टियन (लेखक) सहित देश के 29 जानेमाने विशिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता, पर्यावरण कार्यकर्त्ता, कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने जयपुर स्थित डोल का बाढ़ वन क्षेत्र को बचाने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.

इन्होंने पत्र में लिखा है कि तरु छाया नगर इलाके में फिनटेक (FINTECH) पार्क बनाने के लिए जमीन दूसरी जगह मुहैया करवाई जाये और वर्तमान हरित क्षेत्र को बचाया जाए.

पत्र के माध्यम से इन्होंने कहा है कि एक तरफ तो कांग्रेस लगातार केन्द्र सरकार द्वारा वनों के काटने व नष्ट होने पर आवाज उठा रही है, वही दूसरी और जब डोल का बाढ़ वन को बचाने का समय है तब राजस्थान सरकार किसी की भी नहीं सुन रही है.

सभी लोगों का यही कहना है कि, यह वन क्षेत्र चाहे रिको की भूमि पर पनप रहा हो, लेकिन हरित क्षेत्र जिसमें राष्ट्रीय पक्षी, दर्जनों तरह की चिड़ियाएं, जड़ी-बूटी के पेड़ पौधेे हों और नील गाय जैसे जानवर घूम रहे हो तो उस क्षेत्र को जयपुर की हवा और शहर के स्वास्थ्य के लिए बचाया जाना चाहिये.

पत्र में यह भी कहा कि कोरोना महामारी में देखा गया की जिन शहरो की हवा बहुत प्रदूषित थी उन क्षेत्रों में बीमारी का संकट अधिक था. उनका कहना था की जयपुर जिले में 4 औद्योगिक जॉन है जिसके तहत 40 औद्योगिक क्षेत्र आते है. उनमे से अनेक औधोगिक क्षेत्र में जमीन खाली पड़ी है, फिनटेक पार्क को वंहा बनाया जा सकता है.

उन्होंने आग्रह किया कि रिको जो बहुत तेजी से वंहा अपने बोर्ड इत्यादि लगा रही है और जल्दी ही फिनटेक पार्क का कार्य शुरू करने वाली है, लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से यह प्राकृतिक वन क्षेत्र बचाया जा सकता है और फिनटेक पार्क को कंही और ले जाया जाए.

ज्ञात हो कि 40 हेक्टेयर में रिको की भूमि पर पनप रहा डोल का बाढ़ वन क्षेत्र में 2021-22 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने फिनटेक पार्क बनाने का ऐलान किया था और रिको के MD आशुतोष पेड्नेकर ने कहा था कि 106 करोड़ रूपये में रिको इस क्षेत्र को विकसित करेगी जिससे की फिनटेक पार्क में IT और वित्तीय कम्पनिया 3000 करोड़ रूपये तक का निवेश कर सके.

अप्रेल माह में ही वन क्षेत्र को साफ करने के लिये कम्पनियों के टेंडर पास हो गए और अब बड़े बड़े बोर्ड लग चुके है. यह जमीन रिको को 17 साल के सुप्रीम कोर्ट तक गए कानूनी संघर्ष के बाद 2013 में पुन: प्राप्त हुई है. 70 के दशक से ही इस जमीन पर प्राकृतिक वन खड़ा हुआ था और 80 के दशक में इसको डाईमंड व जेम डवलपमेंट कोर्पोरेशन को किराए पर दिया गया लेकिन उनके द्वारा कोई खास उद्योग शुरू नहीं हो पाया जिससे अब यह जमींन कानूनी कार्यवाही से वापिस रीको ने ही ले ली है.

पिछले कई दिनों से इस वन क्षेत्र को बचाने के लिए चल रहे अभियान से जुड़े लोगों का मानना है की इस स्थान को जयपुर शहर के बच्चो, प्राकृति प्रेमी, बर्ड वॉचर्स और शहर में शुद्ध साँस लेने की जगह के लिए छोड़ देना चाहिए. इस वन को नष्ट ना करके फिनटेक पार्क को कंही और शिफ्ट किया जाना चाहिए.

सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने बताया कि डोल का बाढ़ वन बचाओ समूह द्वारा जयपुर शहर के 300 से अधिक लोगो ने हस्ताक्षर करके रीको अध्यक्ष कुलदीप रांका और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. साथ ही इन दोनों से फोन पर बातचीत भी की है. कुलदीप रांका ने इसके लिए रिको के एमडी से मिलने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया है कि वो मामले को दिखवाएंगे. रिको के एमडी आशुतोष पेडणेकर से अभी तक मिलने का वक्त नहीं मिला है.

इस मुद्दे पर डोल का बाढ़ वन बचाओ समूह द्वारा 24 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस जयपुर के विनोबा ज्ञान मंदिर में भी रखी गई थी.

यह वन RIICO की ज़मीन पर, तरु छाया नगर के पड़ोस में, टोंक रोड पर स्थित है. वन बचाओ समूह की चिंता है की डोल का बाढ़ वन का पट्टा चाहे RIICO के नाम हो, लेकिन 40 हेक्टेयर (100 एकड़) ज़मीन पर फैले वन क्षेत्र का विनाश कर के कंक्रीट का FINTECH पार्क बनाना अन्याय होगा.


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *