मेरे कलम-ओ-अल्फ़ाज़….! रूठे बैठे हैं, वो…. शिकायत करते हैं. …. बड़े दिन हुए,मिली नहीं हमसे ठीक…
Category: युवा क़लम
“महिला दिवस” पर बधाइयां देने वाले बहुत मिलेंगे, सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाले बहुत कम!
“महिला”- यह नाम सुनते ही उसकी स्वतंत्रता, अधिकार, अत्याचार आदि बातें दिमाग मे घूमने लगती है,महिला…
13 पॉइंट रोस्टर पर शिक्षित बहुजनों की चुप्पी सवाल खड़े करती है!
पहले 10 % सवर्ण आरक्षण दिया गया। जबकि इसकी कभी कोई मांग नहीं की गई। इसके…