राजस्थान का जब भी नाम आता है तो रेगिस्तान में पगड़ी बांधे हुए राजस्थानी की छवि उभरती है लेकिन राजस्थान की आन बान शान और पहचान कहि जाने वाली उसी पगड़ी का जयपुर के साहित्यिक उत्सव में अपमान किया जा रहा है।
वैसे तो ज़ी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को साहित्य का कुम्भ कहा जाता है लेकिन इस तरह राजस्थानी पगड़ी का अपमान किये जाने से लोगों में रोष व्याप्त हो गया है।
लिटरेचर फेस्टिवल में राजस्थानी पगड़ी को सजावट के तौर पर उल्टा लटकाया गया है जबकि राजस्थान में पगड़ी उछलना या उसको उल्टा लटकाने को अपमान के तौर पर देखा जाता है। राजस्थान के लोग पगड़ी को अपने इज्ज़त से जोड़ कर देखते है और पगड़ी पहनने को अपनी शान समझते हैं।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल भले ही राजस्थान की राजधानी ग़ुलाबी नगरी जयपुर में हो रहा है लेकिन फिर भी उसमें राजस्थानी साहित्य और साहित्यकारों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।