जिन बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है उन्ही बच्चों के भविष्य को संवारने वाले शिक्षकों को एक मजदूर से भी कम वेतन दिया जा रहा है और वो भी समय पर नहीं मिल रहा है।आज मदरसा पैरा टीचर को पिछले 4 माह से वेतन नही मिला है। मदरसा पैरा टीचर न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर काम करने को मजबूर हैं। राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा 3500 विद्यालय संचालित किये जा रहे है जिनमें लगभग 6400 पैराटीचर संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत है। इन पैराटीचर को न्यूनतम 4100 से 7500 रूपये का मासिक मानदेय दिया जा रहा है। महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन में मदरसा पैराटीचर का गुजारा करना बहुत मुश्किल है। ना जाने क्यों सरकार मदरसा पैराटीचर के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार कर रही है।
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