क्या चुनावी फ़ायदे के लिए जानबूझ कर युद्धोन्माद फैलाया जा रहा है

स्क्वाड्रन लीडर अभिनन्दन सुरक्षित हैं , उनको पाकिस्तान ने पकड़ा है लेकिन अभी वे जेनेवा कन्वेंशन के दायरे में नहीं होंगे क्योंकि यह कन्वेंशन युद्ध की घोषणा के बाद लागू होता है । पाकिस्तान के सैनिकों ने इनके साथ अच्छा व्यवहार किया है जो अभी के वीडियो में दिखता है जिसमें वे कॉफी , चाय, दूध या शूप जैसी कोई चीज पी रहे हैं । पाकिस्तान चाहे तो उन्हें किसी भी रूप में पेश कर सकता है मसलन घुसपैठिया, जासूस आदि ..

भारतीय मीडिया जो आग लगा रही है और मोदी एन्ड कम्पनी द्वारा जो युद्धोन्माद फैलाया गया है उसके परिणाम बेहद भयावह होंगे । मैं डरपोक या कायर नहीं, बल्कि इतिहास के साथ ही मिलिट्री साइंस का भी विद्यार्थी रहा हूँ । वर्तमान युद्धों की विभीषिका जानता हूँ क्योंकि दोनों ही देश घातक हथियारों के मालिक हैं । जो लोग पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहाल होने की बात कर रहे हैं वे बेवकूफ बना रहे हैं जब युद्ध होता है तो सारे उत्पाद केवल युद्ध आपूर्ती हेतु ही खर्च किये जाते हैं ।

निष्पक्ष रूप से देखने पर मुझे पाकिस्तानी सरकार ज्यादा परिपक्व नजर आई है क्योंकि इधर की मोदी सरकार ने केवल युद्धोन्माद भड़काया है और सैनिक कार्यवाहियों को चुनावी मुद्दा बनाया है इसके बेहद गंभीर परिणाम होने की हम बार — बार चेतावनी दे चुके हैं । वर्तमान में दो परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों का युद्ध, संघियों का लाठी , तलवार या त्रिशूल लेकर भीड़ में जाकर अल्पसंख्यकों या दलितों को पीट देने या लिंचिंग करने जैसा या गुजरात दंगों जैसा नहीं होता । आइये वर्तमान युद्ध के विषय में जानते हैं —

1, युद्ध हुआ तो यह समग्र होगा । जल, थल , नभ से गोले और मिसाइल बरसेंगी । भारत और पाकिस्तान का कोई शहर, कोई कस्बा या क्षेत्र इससे बच नहीं सकेगा । यह युद्ध फिल्मों में दिखाए जाने वाले राजाओं के समय जैसा नहीं होगा बल्कि बेहद खतरनाक होगा ।
2, मिसाइलें अपने देश की सीमा से ही दूर के नगरों को तबाह कर देंगी ।

3, यह युद्ध 1965 या 1971 की तरह टैंक और तोप से नहीं लड़ा जाएगा बल्कि कहीं अधिक घातक हथियारों से लड़ा जायगा ।

4, भारत की अग्नि, नाग, ब्रह्मोस आदि मिसाइलें बर्बादी करेंगी तो उनकी गौरी, शाहीन , हत्फ आदि मिसाइलें । ये हजारों किलोमीटर दूर तक मार करती हैं ।

5, इन मिसाइलों का वार हेड परमाणु बम ले जा सकते हैं । एक बम एक शहर को राख में बदल देगा । 1945 हिरोशिमा और नागाशाकी में जितनी क्षमता के बम फोड़े गए थे आज उससे 10 या 100 गुना अधिक क्षमता के बम हैं । इसका दंश पूरा उपमहाद्वीप भुगतेगा ।

6, यह युद्ध नहीं होगा बल्कि महायुद्ध होगा जिसमें प्रलय होगी और जल , थल , नभ से आग बरसेगी ।

7, इसमें केवल सैनिक नहीं मरेंगे जैसा अधिसंख्य लोग समझ रहे हैं बल्कि उससे कहीं अधिक सिविलियन मारे जाएंगे । सारे शहर बर्बाद हो जाएंगे । एक मिसाइल ही एक शहर को बर्बाद करने की क्षमता रखती है ।

8, दोनों देशों की अर्थव्यवस्थास खत्म जो जाएगी । ब्रांडेड — ब्रांडेड करने वाले और फाइव स्टार होटलों में खाने वाले भी भूखों मरेंगे । सारे उद्योग केवल सैन्य सामग्री के उत्पादन में लगा दिए जाएंगे ।

9, स्कूल , कॉलेज सब बन्द हो जाएंगे और सबको सेना में भर्ती होने हेतु मजबूर कर ले जाया जाएगा ।

10, युद्ध लम्बा चलने पर महिलाओं और लड़कियों को नर्सिंग काम या सिपाहियों की सुश्रुवा हेतु ले जाया जाएगा ।

11, देश की प्रगति ही नहीं खत्म हो जाएगी बल्कि देश सदियों पीछे चले जाएगा ।

12, पूरा देश ब्लैक आउट हो जाएगा ।

13, स्टार वार से सारे इलेक्ट्रॉनिक और संचार तन्त्र को ध्वस्त कर दिया जाएगा । ऑफिस में बैठकर युद्धोन्माद करने वालों को बता दें कि इससे कोई कार्य नहीं हो पाएंगे ।

अब भी समय है मोदी , शाह और डोभाल की जोड़ी राष्ट्र को बर्बादी की ओर न ले जाये बल्कि इमरान खान की दी गयी सलाह पर काम करे अर्थात बात कर समस्या का हल निकाले । मूर्खता , जिद और पागलपन में निर्णय न करे बल्कि सूझ — बूझ से काम ले यह युद्ध शाखा में लाठी चलाने के बराबर सरल नहीं है ।

NO WAR PLS…

-कमल कुमार

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