मेरे जज़्बात लडखडाऊँगी, गिरूंगी, चोट खाऊँगी.. पर टूटने नहीं दूँगी, खुद को, अपने हौसलों को, अपने…
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संगीता चौधरी की कविता -एक हसीं शाम सजाई जाए!
उन चेहरों का दीदार करे जमाना हो गया लो चलो कि फिर से किसी ठण्डी शाम…
खुशियों के रंग – (कविता)
खुशियों के रंग! वो अनजानी सी, होठो पे मुस्कान लिये! आई मेरी जिंदगी में खुशियों के…