राजस्थान लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को देर रात RAS-2018 के परिणाम जारी कर दिए है।
RAS 2018 का अंतिम रिजल्ट आने के बाद टॉपर
1. मुक्ता राव, झुंझुनूं
2. मनमोहन शर्मा, टोंक
3. शिवाक्षी खांडल, जयपुर
4. निखिल कुमार, झुंझुनूं
5. वर्षा शर्मा, जयपुर
6. यशवंत मीणा, जयपुर
7. रवि कुमार गोयल, अलवर
8. वीनू देवल, जालोर
9. विकास प्रजापत, टोंक
10. सिद्धार्थ सांदू, नागौर
राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा देर रात राजस्थान सिविल सेवा के लिये जारी परिणाम मे मुसलमान फिसड्डी साबित हुए हैं।
सीमित साधन व कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद जब जयपुर मे नानाजी की हवेली मे सामाजिक चिंतकों द्वारा राजस्थान सिविल सेवा के लिये मुकाबलाती परिक्षाओ के लिये आवासीय कोचिंग संचालित की जाती थी तब राजस्थान लोकसेवा आयोग के प्रशासनिक सेवा की परिक्षाओ के जारी परिणाम मे उचित जगह पर मुस्लिम अभ्यर्थी मुकाम पाते नजर आते थे।
लेकिन उसके विपरीत पहले के मुकाबले वर्तमान समय मे साधन बढने के साथ आर्थिक तौर पर पहले के मुकाबले कुछ ठीक हालात होने के बावजूद मुस्लिम बच्चे उक्त परिणामों मे फिसड्डी साबित हो रहे है।
राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा राजस्थान सिविल सेवा के लिये 2018 की वैकेंसी के लिये मुख्य परीक्षा मे उत्तीर्ण 2010 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार 22-मार्च से शुरू हुये थे। इस दौरान 14अप्रेल से 1-जून तक कोराना काल व लोकडाऊन के चलते साक्षात्कार स्थगित रहै। 21-जून से 13-जुलाई तक आयोग ने फिर साक्षात्कार लेकर कल परिणाम जारी किये। उक्त परिणाम के बाद राज्य को 1051 नये अफसर मिलेगे।
देर रात जारी परिणाम के बाद बनने वाले कुल 1051 अधिकारियों मे अब तक की सूचना के मुताबिक करीब 9 मुस्लिम अभ्यार्थी अपनी जगह बना पाये है। जिनमे से कोई भी राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS व राजस्थान पुलिस सेवा RPS मे जगह पाता नजर नही आ रहा है।
जानकारी अनुसार कोटा के सादाब 171वी रैंक,इटावा जिला कोटा निवासी मंजूरशाह 212 रैंक, वर्तमान मे फतेहपुर शेखावाटी मे तहसीलदार पद पर तैनात सीकर के खीरवा गावं निवासी इमरान खान पठान 268 वी रैंक, अलवर के ऐजाज खान ने 374 वी रैंक, रिया बड़ी के मोहम्मद हमीद 474 रैंक, अलवर जिले के लक्ष्मनगढ के अमन खान ने 512 वी रैंक, चूरु की शाहीन ने 616 वी रैक, सरदारशहर के आकिब खान ने 650 वी रैंक व इनके अलावा कोटा की नाहीद ने भी अपनी जगह बनाई है।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान सिविल सेवा के देर रात जारी परिणामों पर मुस्लिम समुदाय के चिंतको को निजी या सामुहिक तौर उक्त विषय पर सिर जोड़कर मनन व मंथन करना होगा कि उनके बच्चे आज मुकाबलाती परीक्षाओं में कहां खड़े है। जब हजारों बच्चे परीक्षा में भाग लेंगे तो उनमे से सेंकड़ो बच्चे सफल भी होंगे। जब सिर्फ सो-पचास बच्चे ही प्रतियोगी परीक्षाओं मे भाग लेंगे तो एक अंक मे ही अभ्यर्थी सफल होगे।
– अशफ़ाक कायमखानी