राजस्थान सरकार किताबों में पढ़ाएगी “अंग्रेजों से माफ़ी माँग जेल से छूटे थे सावरकर”


राजस्थान में सरकार बदल गई है यहाँ अब कांग्रेस की सरकार है!

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बार बार दो विचारधाराओं की लड़ाई बताते रहे हैं 2019 के चुनावों में भी हर सभा में उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए यही कहा कि यह लड़ाई 2 विचारधाराओं की है.

एक विचारधारा RSS की विचारधारा है और दूसरी विचारधारा कांग्रेस की है.RSS की विचारधारा के एक नेता सावरकर पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार सख़्त हो रही है.
सावरकर RSS हिंदुत्व के प्रतीक माने जाते हैं.

दरअसल जब 2013 में भाजपा सरकार राजस्थान में सत्ता में आयी तब उसने पाठ्यक्रम में कई तरह के बदलाव किये थे जिससे अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार बदलने जा रही है.
इसमें ख़ास तौर से सावरकर पर पंच मारा गया है!

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक,राजस्थान सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्दसिंह डेटासरा ने कहा, ‘तत्कालीन भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बना दिया था, आरएसएस के राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए थे.

तत्कालीन सरकार ने वीर सावरकर की जीवनी तैयार की. इस विषय के तथ्यों की समीक्षा हमारी सरकार की समिति द्वारा की गई, जिससे पता चला कि राजनीतिक हितों के लिए सावरकर की बढ़िया छवि गढ़ी गई.’

उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकार द्वारा तैयार की गई सावरकर की जीवनी से अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उतना महत्व नहीं दिया गया.’

राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह दोतासरा का कहना है कि पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया था.

उसी के प्रस्तावों के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार हुआ है. इसमें किसी प्रकार की कोई राजनीति नहीं की गई है. फिर भी अगर पाठ्यक्रम को लेकर कोई मामला सामने आएगा तो उस पर अमल किया जाएगा.

हालांकि, सावरकर की जीवनी में जो नए तथ्य जाड़े गए हैं, उनमें कहा गया है कि जेल के कष्टों से परेशान होकर सावरकर ने ब्रिटिश सरकार के पास चार बार दया याचिकाएं भेजी थीं. इसमें उन्होंने सरकार के कहे अनुसार काम करने और खुद को पुर्तगाल का बेटा बताया था.

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