क्या किरोड़ी लाल मीणा की तरह हनुमान बेनिवाल का भाजपा को समर्थन बेअसर रहेगा ?
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजनीतिक विरोधी मीणा समाज के नेता किरोड़ी लाल मीणा को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में ले आए !
माना जाता है कि शाह ने इस निर्णय को लेने से पहले वसुंधरा राजे को पक्ष में नही लिया और केन्द्रीय आलाकमान ने सोचा कि किरोड़ी के आने से विधानसभा चुनाव में भाजपा को लाभ होगा लेकिन ऐसा नही हुआ और उल्टे दौसा और आस-पास के क्षेत्र में भाजपा को नुकसान हुआ !
किरोड़ीलाल मीणा के बाद अमित शाह का दूसरा स्टेप यह रहा कि वसुंधरा राजे के दूसरे विरोधी जाट नेता आरएलपी के हनुमान बेनिवाल से समर्थन लिया और नागौर सीट बेनिवाल को दे दी!
पहले की तरह ही भाजपा आलाकमान ने इस निर्णय में वसुंधरा की सहमति नही ली । हनुमान बेनिवाल का विरोध भाजपा को फायदा ही दे रहा था और अब यह देखने वाली बात है कि बेनिवाल को भाजपा का समर्थन मतदाताओं को कहां ले जाता है !
नागौर में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा का जिस तरह से मतदान से पहले ग्राफ बढ़ रहा है, उससे सवाल यह उठ रहा है कि क्या किरोड़ी लाल मीणा की तरह से ही हनुमान बेनिवाल को समर्थन देना भाजपा को नुकसान तो नही करेगा ?
वैसे हनुमान बेनिवाल का असर युवाओं पर भी बना हुआ है। माना यह जा रहा है कि मारवाड़ की जोधपुर, बाड़मेर-जैसलमेर और जालोर-सिरोही सीट पर कांग्रेस की जीत तय है !
पाली व नागौर में कांग्रेस प्रत्याशी बराबर टक्कर दे रहे है और दोनो लोकसभा क्षेत्रों में परिणाम कुछ भी आ सकता है!
इस विधानसभा चुनाव में मारवाड़ की 43 विधानसभा सीटों में से 23 सीटे कांग्रेस को मिली और भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई जबकी 2013 में भाजपा को 39 सीटे मिले थी!
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र होने के कारण जोधपुर सहित पूरे मारवाड़ में गहलोत का अच्छा खासा असर है और ऐसा लगता है कि गहलोत के कारण ही भाजपा का हनुमान बेनिवाल वाला तीर खाली ही जा सकता है!
इसी तरह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी प्रदेश की प्रत्येक लोकसभा सीट के साथ ही मारवाड़ में पूरा फोकस किया हुआ है!
यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जोधपुर से और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को झालावाड़-बारां सीट से जिताने का मानस वहां के मतदाता बना चुके है!
सवाल अब भी यही है कि क्या मीणा समाज के नेता किरोड़ी लाल मीणा की तरह ही जाट समाज के नेता हनुमान बेनिवाल को भाजपा का समर्थन देना भाजपा को फायदे के स्थान पर नुकसान पहुचाएगा!
अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राजस्थान दौरा क्या असर करता है और भाजपा को कहां-कहां लाभ होता है!
भाजपा और कांग्रेस के समर्थकों को छोड़ दिया जाए तो यह भी सही है कि राजस्थान के मतदाताओं ने चुप्पी साधे हुई है और मतगणना वाले दिन ही सामने आएगा कि मतदाताओं ने किस पर विश्वास किया है!
अनिल गोस्वामी
(राजनीतिक विषलेशक हैं)