अमरनाथ यात्रियों को जब गोली लगी तो कश्मीर के मुसलमान खून देने के लिए कतार लगाकर खड़े हो गए थे, लड़ाई आतंकवाद से है, कश्मीरियों से नहीं!

राजस्थान के टोंक में 23 फरवरी शनिवार को आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अतिवादियों पर लगाम लगाने के लिए कड़ा सन्देश दिया।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों से आई कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों पर हमले की खबरों पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि इस देश में यह नहीं होना चाहिए।

टोंक में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “मैं देख रहा हूं कि इन दिनों सोशल मीडिया पर वीर रस की बाढ़ आई है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीर और कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है। कश्मीरी बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। कश्मीर का बच्चा-बच्चा आतंकवादियों के खिलाफ है। हमें उसे अपने साथ रखना है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अमरनाथ की यात्रा करने लाखों श्रद्धालु जाते हैं, उनकी देखभाल मेरे कश्मीर का बच्चा करता है। अमरनाथ यात्रियों को जब गोली लगी तो कश्मीर के मुसलमान खून देने के लिए कतार लगाकर खड़े हो गए थे। यदि देश में कश्मीरियों के खिलाफ कोई भी घटना होती है तो यह गलत है। इससे ‘भारत तेरे टुकड़े’ कहने वालों बढ़ावा मिलता है। हिंदुस्तान के किसी कोने में कश्मीर के लाल की हिफाजत का काम मेरे देश के हर व्यक्ति का है।”

पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही दक्षिण पंथी विचारधारा के कुछ संगठन भारत में अलग अलग जगहों पर रह कर पढ़ाई, नौकरी या व्यापार कर रहे कश्मीरी लोगों को निशाना बना रहे थे। कश्मीरी छात्रों को वापस कश्मीर जाने पर मजबूर किया जा रहा था। शैक्षणिक संस्थानों पर भी दबाव बनाया जा रहा था कि वो अगले सत्र से कश्मीरी छात्रों को एडमिशन ना दे। प्रधानमंत्री मोदी के कड़े सन्देश के बाद अब ऐसे लोगों पर जरूर कार्यवाही की जानी चाहिए जो निर्दोष कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं।

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