मीडिया ने कैसे हेमाराम चौधरी को जाट नेता प्रचारित किया और सी॰पी॰ जोशी को दिग्गज कांग्रेसी नेता

नाराज़ तो सब थे. धमकियां तो सब ने दी. धरने-प्रदर्शन तो सब ने करवाये. हंगामा तो सब ने करवाया. मोर्चें तो सब ने खोले. बग़ावती सुर भी सबने अख़्तियार किया.

लेकिन ब्राह्मण नेता सीपी जोशी विजय रहें. किसी को उनके टेलेंट और मैरिट पर संदेह नहीं था, पूरे प्रदेश की जनता दुखी थी, इसलिए ब्राह्मण नेता सीपी जोशी विजय हुए.

बक़ौल मीडिया जाट नेता हेमाराम चौधरी. मनुवादी-ब्राह्मणवादी मीडिया ने एक बार भी सीपी जोशी को ब्राह्मण नेता नहीं लिखा, हर रोज़ मेवाड़ के दिग्गज कांग्रेसी नेता सीपी जोशी लिखता रहा और हेमाराम चौधरी का नाम आते ही मीडिया ने लिखा जाट नेता हेमाराम चौधरी.

राजस्थान जातिवाद, ब्राह्मणवाद, आरएसएसवाद और मनुवाद का मजबूत किला है. राजस्थान हाईकोर्ट में मनु की मूर्ति की लगी है.

ब्राह्मण नेता सीपी जोशी विजय हुए. ब्राह्मण नेता सीपी जोशी वहीं हैं, जिन्होंने कहा था कि धर्म के बारें में सिर्फ ब्राह्मण ही बोल सकता है. जोशी जी के पास जाति की ताकत है. धर्म की ताकत है. मीडिया, सरकार, न्यायपालिका, आरएसएस, बीजेपी और कांग्रेस की ताकत है क्योंकि उनके पास जाति की ताकत है.

-जितेंद्र महला

“जनता स्टोर” के लेखक नवीन चौधरी के साथ ख़ास मुलाक़ात
नवीन चौधरी राजस्थान यूनिवर्सिटी में यह किताब राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति पर ही लिखी गई है। छात्र राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले और राजस्थान यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए लोगों को तो एक बार यह क़िताब जरूर पढ़नी चाहिए

 

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