पिछले 4 साल में विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री के कोल्ड वार में लिप्त अशोक गहलोत और पिता के राजनीतिक शेष के सहारे राजनीति कर रहे सचिन पायलट ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी!हालाँकि अभी तक कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची नहीं आयी है!
अशोक गहलोत तो जोधपुर की सरदारपुरा से ही चुनाव लड़ेंगे! लेकिन
अब चुनौती ये है की सचिन पायलट कहाँ से चुनाव लड़ेंगे?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस पायलट के लिए ऐसी सीटों की तलाश कर रही है जहाँ या तो मुस्लिम बाहुल्य हो या गुर्जर बाहुल्य!कभी कभी लगता है की नेता राजनीति नहीं व्यापार कर रहे हैं!
उन्हें ना स्वयं पर भरोसा है ना ही अपनी राजनीति और ना ही अपनी पार्टी पर!
अगर सचिन पायलेट मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं तो फिर ऐसी सुरक्षित सीट देखने का मतलब है की आप नेताजी रजनीति में तो फैल हैं!
उनके लिए जयपुर की किशनपोल सीट जो मुस्लिम बाहुल्य रही है उसपे नज़र है!मसूदा सीट जो अजमेर की मुस्लिम बाहुल्य सीट है उस पर भी नज़र है!
आख़िर अल्पसंख्यकों के अधिकार पर चोट करना कोनसी राजनीति है!
इसके अतिरिक्त गुर्जर बाहुल्य विराटनगर पर भी ऐसा ही चल रहा है!सचिन पाइलट बनना तो मुख्यमंत्री चाहते हैं लेकिन चुनाव ऐसी सीट से लड़ना चाहते हैं जहाँ आराम से जीत जाएँ!
कितनी आरामदायक है ये सुरक्षित राजनीति