राजस्थान में गहलोत सरकार के गठन के बाद शनिवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने कई अहम निर्णय किए। बैठक में कांग्रेस के घोषणा पत्र को सरकारी नीतिगत दस्तावेज बनाने का निर्णय किया गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी घोषणा पत्र को सीएस को भेजकर कहा कि इस पर हम पांच साल काम करेंगे। रिफायनरी के काम में तेजी लाने तथा लोकसेवा की गारंटी एक्ट को फिर से प्रभावी बनाने का निर्णय भी बैठक में किया गया।
बैठक के यह हैं प्रमुख निर्णय
मंत्री रोजाना 9:00 से 10:00 बजे तक जयपुर में जनसुनवाई करेंगे।जन समस्याओं की जानकारी लेने के साथ-साथ समाधान भी करेंगे
हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि तथा भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवसिँटी को पुन: शुरू करने का निर्णय किया गया।
फसली ऋण माफ करने के लिए समिति का गठन होगा। पात्रता और मापदंड क्या होंगे इसे तय करने के लिए मुख्यमंत्री एक समिति का गठन करेंगे।
पंचायती राज और स्थानीय निकाय को लेकर जो मापदंड तय किए गए थे उसे समाप्त कर दिया गया।
सरकार लैटर पैड से दीनदयाल उपाध्याय का लोगो हटेगा। इस पर केवल अशोक स्तम्भ का लोगो ही रहेगा।
नरेगा पर फिर से बनेगी कार्य योजनास्थानीय निकाय में मेयर सभापति और अध्यक्ष के चुनाव उत्तर प्रदेश निर्वाचन प्रणाली से होंगे पंचायतीराज चुनाव से शैक्षणिक योग्यता समाप्त होगी।
पिछली सरकार के नियमों को बदला जाएगा। जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य की 10वीं, सरपंच के लिए 8वीं पास की अनिर्वायता समाप्त होगी। संविदाकर्मी, एनआएचएम, पैराटीचर्स, उर्दू पैराटीचर्स, लोक जुंबिश में काम करने वाले, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा मित्र, विद्यार्थी मित्र, पंचायत सहायकों की समस्याओं के लिए कमेटी का गठन होगा।
समय पर ऋण चुकाने वाले किसान भी होंगे लाभान्वित
संविदाकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी का गठन होगा।जवाबदेही व पारदर्शी सरकार के लिए एक्ट लागू होगा।कर्ज माफी पर जल्द कमेटी का गठन होगा। डिफॉल्टर के अलावा अन्य किसान भी अब लाभान्वित होंगे। जो किसान समय पर ऋण चुकाते हैं उन्हें भी लाभान्वित किया जाएगा। पंचायत चुनावों व नगर निकाय चुनावों में शैक्षणिक योग्यता की बाधा हटा दी गई है।