कॉलेज का पहला दिन-(कविता)

कॉलेज का पहला दिन

हर लड़के की तरह मुझे भी,
कॉलेज के पहले दिन एक हसीना से प्यार हुआ।
कभी कभी मिलती थी वो,
अक्सर अपने कामों मे खोई रहती थी।
कभी कभी हिंदी की क्लास मे,
आँखे खोलकर भी सोई रहती थी।।
देखा करता था जब भी उसको,
वो पढाई मे मद्होश होई रहती थी।
एक दिन सोचा क्यों न इससे बात की जाए,
इस दोस्ती की मेरी तरफ से ही शुरुआत की जाये।
धीरे-धीरे उससे बात शुरू हुई,
कभी कॉल पर तो कभी व्हाट्सएप्प पर,
वो मुझसे रूबरू हुई।
इस दोस्ती मे ऐसा मेरा हाल हुआ,
हर लड़के की तरह कॉलेज के पहले दिन,
मुझे भी एक हसीना से प्यार हुआ।।
हिम्मत करके कई बार,
घुमा फिरा कर प्यार का इजहार कर दिया,
मेरी ज़िन्दगी मे हमारे प्यार का रंग भर दिया।
पता नहीं उसको समझ न थी या,
वो जान कर भी अनजान थी।
एक दिन उसके कुछ बोलने पर,
दिल रूठकर तंग हो गया।
दिल अच्छा तबला था,
टूटकर फटा मृदंग हो गया।
देखा था जो सपना,
वो अभी तक न साकार हुआ।
हाँ,अंकित को भी हर लड़के की तरह,
कॉलेज के पहले दिन एक हसीना से प्यार हुआ।।

रचनाकार परिचय
नाम-अंकित कुमार
पिता-श्री महेंदर सिंह
छात्र, केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान,अजमेर में बीएससी (फिजिक्स)
मोब.न: 7378283646
Email-kankit9057@gmail.com

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