सवा लाख ते एक लड़ाऊं, तां गोबिंद सिंह नाम कहाऊं…..
गगनदीप सिंह ने एक मुस्लिम लड़के को भगवा भीड़ से अपनी छाती से लगा कर बचा लिया , हज़ारों की तादाद में एकेला, ना जान की परवाह ना मौत का ख़ौफ़ …
गगनदीप सिंह उत्तराखंड पुलिस में सबइंस्पेक्टर है,कुछ दिन पूर्व एक मुस्लिम नौजवान अपनी महिला मित्र जो हिन्दु थी, के साथ गर्जिया मंदिर, रामनगर मंडी, नैनीताल जिला पर घूमने गया था, वंहा हिंदुत्व के फ़र्ज़ी ठेकेदारों ने इस नौजवान को घेर लिया और मारने पर आमादा हो गए।जैसे ही कुछ लोगों को पता चला कि युवक मुस्लिम है और युवती हिन्दू, लव जिहाद का रंग देकर भीड़ उस युवक को मारने के लिए हिंसक हो गयी. कुछ तो नफ़रत में युवती को भी मार डालना चाहते थे!
उस वक्त मंदिर में तैनात सब-इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह ने बिना डरे, बिना अपनी जान की परवाह किये, युवक को उन्मादी भीड़ से बचाया. भीड़ के उस गुस्से में गगनदीप भी लपेटे में आ सकता था! भीड़ में से एक उन्मादी ने युवक के ऊपर शक करते हुए कई बार बोला कि “ID दिखाओ, ID”! समझिये कि ID किस सोच के तहत माँग रहा होगा वो व्यक्ति! भीड़ से एक और आवाज़ (गगनदीप के लिए) आयी कि “किस बात का प्यार दिखा रहे हो आप इसपे?” भीड़ में से कई उसे अंदर ही बिठाने की बात कर रहे थे! गगनदीप ने युवक को अपने सीने से चिपकाए रखा और युवक भी गगनदीप के सीने पे दुबका रहा फिर भी भीड़ ने कई थप्पड़ लगा दिया!
गगनदीप ने इस मुस्लिम नौजवान की जान उन आतंकियों की उन्मादी भीड़ से बचाई, जो इस मुस्लिम नौजवान को अपने हाथों से सजा देने के लिये इन्हें सौंपने के लिये गगनदीप पर दबाव बना रही थी।
लेकिन इस बहादुर और इंसानियत के रक्षक ने अपनी जान की भी परवाह ना करते हुए इस उन्मादी भीड़ से इस मुस्लिम नौजवान को बचाया।
पिछले 4 सालों में गौरक्षा के नाम पर अब तक लगभग 30 हत्यायें की जा चुकी हैं! लव-जिहाद के नाम पर बहुत ज़हर बोया जा चुका है! अल्पसंख्यकों के विरुद्ध ये उन्माद कहाँ से बढ़ा है ज़रा सोचियेगा! गगनदीप सिंह को सलाम पहुँचे कि वो इस सांप्रदायिक माहौल में लाखों लोगों के लिए एक जज़्बा बनकर उभरे हैं! हजारों सांप्रदायिक सनकियों पर अकेला गगनदीप भारी पड़ा!
इंसानियत आज भी गगनदीप जैसे लोगो की वजह से जिंदा है….