युवराज सिंह को कभी कप्तानी नहीं देकर देश ने उनके साथ अन्याय किया है!

भारत मैच हार गया अंग्रेजों से। आधे लोग निराश हैं,आधे खुश। जो खुश हैं वे इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की राह मुश्किल हो गई। बाजीगर वाला डायलॉग चल रहा है।

खैर , मैच में युवराज सिंह की बहुत कमी खली। युवराज सिंह जब तक क्रीज़ में होते थे मैच को आखिरी बॉल तक ले जाते थे।

वे हार कर कभी नाबाद नहीं जाते थे। धोनी अगर आज सफल हैं तो उसके पीछे युवराज सिंह ही है। वे युवराज के साथ ही मैच फिनिश करते थे।

युवराज सिंह को कभी कप्तानी नहीं देकर देश ने उनके साथ अन्याय किया है।दोनों वर्ल्ड कप जीत में सबसे बड़ा योगदान युवराज सिंह का ही था।

क्रिकेट का भगवान सचिन हो सकता है,धोनी महान हो सकता है पर देश के क्रिकेट प्रेमियों के दिल में युवराज सिंह ही रहेंगे।

एक लड़ाका जिसने हमेशा संघर्ष किया,क्रिकेट में राजनीति के बीच अपनी जगह बनाने,दो मैच में असफल होने के बाद उन्हें निकाल दिया जाता था,फिर घरेलू क्रिकेट में दोहरा शतक मार कर वापसी करते थे।

अलबत्ता सचिन 16 मैच में फेल रहकर भी टीम में थे।


युवराज का दुर्लभ कैंसर से संघर्ष एक प्रेरणा हो सकता है लाखों लोगों के लिए,वे मौत को मात देकर जिंदगी की जंग जीते। इसके बाद भी टीम में लौटे जबकि उनका कॅरिअर खत्म मान लिया गया था।


एक और बड़ी लड़ाई जो लड़ी उन्होंने वह घरेलू था उनके माता पिता के बीच मतभेद था। उनके पिता योगराज सिंह उनसे अलग ही रहते हैं।

इन सबसे संघर्ष करते हुए भी युवराज मैदान में तीनों मोर्चे बैटिंग,बोलिंग और फील्डिंग में अपना 100 प्रतिशत देते थे।एक खिलाड़ी होना इसे कहते हैं।

रिटायरमेंट के बाद युवराज सिंह अब वेब सीरीज “द आफिस” में अभिनय करने वाले हैं।उन्हें जिंदगी के इस नए आयाम के लिए शुभकामनाएं।

आपका अंग्रेजों से हारकर दिल जल रहा होगा तो यु ट्यूब में अंग्रेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में युवराज सिंह के 6 छक्के देख सकते हैं।

-Vikram Singh Chauhan

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