विश्व जल दिवस पर विशेष
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रहिमन पानी रखिये, बिन पानी सब सून !
पानी गये न उबरे मोती मानुष चून !!
रहीम के इस दोहे में जल के एक व्यापक महत्व को दर्शाया गया है। कवि रहीम ने जल को ही विनम्रता, चमक, पानी तीनों अर्थों में लिया है। उनका मानना है कि विनम्रता बिना मनुष्य का, तेज( चमक) के बिना मोती का और पानी के बिना चूने का अस्तित्व नहीं है अर्थात पानी के बिना सब जीरो हैं।
जल है तो जीवन है और जल है तो कल है।
आंकड़ों की मानें तो विश्व के 1.6 अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है। पानी की इसी मांग को पूरा करने के लिए और इसके संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ सन् 1992 के अपने अधिवेशन में 22मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने का अहम फैसला लिया। विश्व जल दिवस की अंतर्राष्ट्रीय पहल रियो डि जेनेरियो में 1992 आयोजित पर्यावरण तथा विकास के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में किया गया।विश्व जल दिवस की शुरुआत 1993 में हुई।
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▪वर्ष 2019 में विश्व जल दिवस का थीम “किसी को पीछे नही छोड़ना (लीवींग नो वन बीहांइड)” है।
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आज से चौदह सौ साल पहले इस्लाम के अंतिम संदेष्टा ईशदूत हजरत मुहम्मद (सल्ल०) ने फरमाया कि पानी कम खर्च किया करो चाहे तुम समुद्र के किनारे ही क्यों न हो!
हालांकि पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी दी कि विश्व के अनेक हिस्सों में पानी की भारी कमी है और इसकी बर्बादी नहीं रोकी गई तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है, क्योंकि भोजन की मांग और जलवायु परिवर्तन की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
जल प्रकृति की अनुपम संपदा है। हम अपने से न जल बना सकते हैं और न ही उसके बिना जिंदगी गुजार सकते हैं। अतः हमारे लिए आवश्यक है कि हम न तो पानी को व्यर्थ ही बर्बाद करें और न ही उसे दूषित करें।
आश्चर्यजनक है कि धरातल पर तीन चौथाई पानी होने के बावजूद भी पीने योग्य जल की मात्रा सीमित है। समुद्र का खारा जल पीने योग्य नहीं होता। विडम्बना है कि पीने के लायक जल की मात्रा कम होने के बाद भी इसका अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। नदियों, तालाबों कुओं को हम दूषित होने से बचा नहीं पा रहे हैं।
तेजी से शहरीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हमारे देश में अधिक सक्षम प्रबंधन और समुन्नत पेयजल आपूर्ति की नितांत आवश्यकता पड़ेगी। हमारे देश में दुनिया की लगभग 16 प्रतिशत आबादी निवास करती है परंतु 4प्रतिशत पानी ही उपलब्ध है।ऐसे में बारिश की एक एक बूँद हमारे लिए कीमती है और इसे सहेजना जरूरी है।
हर साल 22 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व जल दिवस हमें पानी के वास्तविक मूल्य को समझने औरअमृत समझी जाने वाली पानी के संरक्षण के लिए समय रहते सचेत होने की बार बार याद दिलाता है। आईए हम अपने भविष्य के लिए जल को बचाने का दृढ़ संकल्प लें।
▪ मंजर आलम, बिहार
(लेखक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर लिखते रहते हैं, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख छपते है)