एक साल पहले राजस्थान के बारां जिले के छबड़ा कस्बे में 11 अप्रैल 2021 को दो पक्षों के बीच हुई मामूली कहासुनी और चाकूबाजी की घटना ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था जिसमें करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था और कई दिनों तक क्षेत्र में कर्फ्यू भी लगाना पड़ा था. सरकार द्वारा दंगा पीड़ितों को उचित मुआवजा देने से फिलहाल कस्बे में शांति है. छबड़ा में पीड़ितों को कुल 3 करोड़ 50 लाख 27 हजार का मुआवजा दिया गया था.
अभी हाल ही में राजस्थान के करौली में 2 अप्रैल 2022 को सांप्रदायिक हिंसा में दंगाईयों ने आमजन की करोड़ों की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फिलहाल करौली में कर्फ्यू जारी है. करौली की सांप्रदायिक हिंसा में जिन लोगों के मकानों और दुकानों में आगजनी की गई है वो लोग अपना सब कुछ गंवा कर सरकार की तरफ मुआवजे की आस लगाकर देख रहे हैं.
सांप्रदायिक हिंसा और आगजनी में सबसे ज्यादा नुकसान अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के मकानों और दुकानों को पहुंचाया गया है. घटना के बाद राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष विधायक रफीक खान भी क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं और दौरे के बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा और मुख्यमंत्री गहलोत को भी सौंप चुके हैं. अपने दौरे के दौरान विधायक रफीक खान ने दोनों पक्षों के पीड़ितों से मुलाकात की थी और जली हुई दुकानों और मकानों का भी जायजा लिया था.
भाजपा की तरफ से भी करौली में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दौरा कर चुकी हैं और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद तेजस्वी सूर्या भी करौली में न्याय यात्रा निकाल रहे हैं.
सांप्रदायिक हिंसा के बाद करौली में कांग्रेस, भाजपा और सामाजिक संगठनों के कई प्रतिनिधि मंडल हालात का जायज़ा लेने के लिए जा चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक पीड़ितों के लिए किसी तरह के मुआवजे की कोई घोषणा नहीं हुई है.
कितना मुआवजा दिया गया था छबड़ा सांप्रदायिक हिंसा में
बारां जिले के छबडा कस्बे में 11 अप्रैल 2021 को हुए उपद्रव में प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारजनों को आर्थिक सहायता संबंधी योजना अंतर्गत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करते हुए राजस्थान सरकार के गृह विभाग द्वारा दिनांक 25 जून 2021 से 3 करोड 50 लाख 27 हजार रूपए की मुआवजा राशि स्वीकृत की गई थी.
11 अप्रेल को छबड़ा में हुए साम्प्रदायिक तनाव के बाद खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने छबड़ा पहुंचकर दोनों समुदाय के व्यापारीयों को यह आश्वासन दिया था कि वह एक माह में पीड़ित व्यापारियों को मुआवजा दिलवाएंगे.
गृह विभाग की नुकसान के मुआवजे की जो गाइडलाइन है उसके अनुरूप कुल मुआवजा राशि केवल 12 लाख रुपये बन रही थी लेकिन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पीड़ित पक्षों को अधिक से अधिक मुआवजा राशि दिलवाने के लिए गृह विभाग की गाइडलाइन में विशेष शिथिलता प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री से मिलकर इसके लिए व्यक्तिशः निवेदन कर नियमों में विशेष शिथिलता प्रदान करवा कर साढे तीन करोड रूपए से अधिक की मुआवजा राशि छबड़ा के पीडितों के लिए स्वीकृत करवायी थी.
छबडा में कुल 77 दुकानदारों को कुल 3 करोड 50 लाख 27 हजार रूपए मुआवजा दिया गया जिसमें सर्वाधिक मुआवजा संदीप जैन रिद्धि सिद्धि मिनी मार्ट को 1 करोड़ 12 लाख 87 हजार 500 रूपये का मिला था.
इसके अलावा अरूण गर्ग पुत्र रामकरण गर्ग को उन्नीस लाख पांच हजार (1905000), अतुल जैन को अट्ठावन लाख बीस हजार (5820000), शिखरचंद जैन को चालीस लाख (4000000), मनीष शर्मा को तेरह लाख छियालिस हजार (1346000), रामबाबू नामदेव को छह लाख चौसठ हजार (664000), आबिद एवं अतीर्कुरहमान को तीन लाख उन्नीस हजार पांच सो (319500), नरेश कालरा को बारह लाख (1200000), धर्मप्रकाश जैन को बारह लाख पचास हजार (1250000), ओम उर्फ योगेन्द्र चौरसिया को तीन लाख (300000), कालू गुर्जर को एक लाख अस्सी हजार (180000), राधेश्याम पुत्र मोहनलाल को एक लाख पचास हजार (150000), मोहम्मद जाकिर खान को एक लाख पिंचानवे हजार (195000), मोहम्मद अनीस खान को एक लाख पिंचानवे हजार (195000), विकास गुर्जर को एक लाख (100000), आरिफ मिया को चौदह लाख (1400000), माजिद मिया को आठ लाख पिछत्तर हजार (875000), मोहम्मद इमरान को एक लाख (100000), इकबाल अहमद को एक लाख (100000), रिजवान एजाजी को एक लाख पांच हजार (105000), कनिश मंसूरी को एक लाख (100000), अब्दुल हमीद को दस लाख (1000000), शाहिद को दस लाख (1000000), नफीस आजमी को एक लाख अस्सी हजार (180000) तथा दीपचन्द रावल को एक लाख (100000) रूपए सहित कुल 3 करोड़ 50 लाख 27 हजार रूपए का मुआवजा दिया गया था.
मुआवजे की लिस्ट जो छबड़ा में दिया गया था
करौली के पीड़ित भी सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं उम्मीद है कि छबड़ा की ही तरह जल्दी ही करौली के पीड़ितों को भी सरकार की तरफ से नुकसान का सर्वे करवा कर ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा जिससे पीड़ित परिवारों के जीवन की गाड़ी को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी.