दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में होने वाले तब्लीगी जमात घटनाक्रम सामने आने के बाद यह इलाका कोरोनोवायरस हॉटस्पॉट के रूप में उभरा, जहां मार्च महीने के बीच में तब्लीगी जमात आयोजित हुई जिसमें शामिल लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया। इस खबर के बाद से, इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से सांप्रदायिक रंग दिया गया और कई मुख्यधारा के मीडिया आउटलेट ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
हाल में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक पुलिस वैन के अंदर एक आदमी बैठा है जो एक पुलिस वाले पर थूकता हुआ दिखाई दे रहा है, कई जगह इसे ऑनलाइन शेयर किया गया है और यह दावा किया गया है कि वह व्यक्ति निजामुद्दीन मरकज में आयोजित जमात में मौजूद था।
कई सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो के साथ लिखा गया कि “जिनको सबूत चाहिए वो ये देख लों फ़रिश्ते की करतूतें। ये कल भी थूक रहे थे आज भी”।
हकीकत क्या है?
जब इस वीडियो की पड़ताल की गई तो सामने आया कि निजामुद्दीन मरकज में शामिल लोगों को बसों में अस्पताल और क्वारेंटाइन केंद्रों पर ले जाया गया, लेकिन वीडियो में जो वाहन वह एक पुलिस वैन की तरह लग रहा है। इसके अलावा, वैन में कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं हैं और किसी ने भी मास्क नहीं पहन रखा है।
जिनको सबूत चाहिए वो ये देख लों ?आतंकवादियों की करतूतें
Posted by Meghraj Choudhary on Thursday, April 2, 2020
जब YouTube पर एक कीवर्ड ‘आदमी पुलिस वैन थूकता है’ नाम से सर्च किया गया तो टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट सामने आती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, “शनिवार को मुंबई पुलिस पर कथित रूप से हमला किया और थूका गया। कथित तौर पर, वह पुलिसकर्मियों से परेशान था। यह एक अंडरट्रायल व्यक्ति है जिसे पुलिस उसके घर का खाना खाने से मना करती है और यह अपराध साबित होने के इंतजार में है।
इस घटना की रिपोर्ट मुंबई मिरर ने 29 फरवरी, 2020 को दर्ज की थी और आरोपी की पहचान मोहम्मद सोहल शौकत अली के रूप में हुई थी। उनके परिवार के सदस्यों ने उसे अदालत में भोजन दिलवाया था, जिसे पुलिस ने उसे खाने से रोक दिया था। वीडियो में, अली को मुंबई के ठाणे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए भी देखा जा सकता है।
इसलिए, तब्लीगी जमात का इस वीडियो से कोई भी संबंध नहीं है। इसे झूठे तरीके से वायरल किया गया कि यह आदमी कोरोनोवायरस संक्रमण फैलाने के लिए पुलिस पर थूकता है।
(यह फैक्ट चैक मूलत: ऑल्ट न्यूज वेबसाइट ने किया है, हमनें उसका अनुवाद छापा है।)