कौन काट रहा है चलना सिखाने वाली उंगली को?
पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद संघ के मोहन भागवत सहित कई बड़े नामों ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला था या यूं कहें कुछ चेहरों को सीधा लपेटा था.
आज वसुंधरा राजे ने उदयपुर में अपनी संघ परवरिश और राजनीतिक इंटर्नशिप का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे वो संघ की ट्रेनिंग में यहां तक पहुंची है.
विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव खत्म होने तक ये पहला मौका है जब राजे ने चुप्पी तोड़ी है. लगता है कि मैडम ने भी वक्त की नजाकत देखते हुए आईना दिखाने वाले रास्ते को इख्तियार करना मुनासिब समझा!
– राजे ने राजनीतिक इंटर्नशिप और संघ की परवरिश को याद किया. संगठन को अपने भाषण के केंद्र में रखा.
– राजे ने “वफा के दौर” की बात की या फिर ऐसे कहें कि वफा ना करने वाले से सवाल पूछा!
– राजे ने भंडारी जी का जिक्र करते हुए नेताओं को आगे बढ़ाने की बात कही जिसको लेकर माना जा रहा है कि बेटे दुष्यंत को इस बार भी कैबिनेट में जगह नहीं मिलना संकेत हो सकता है!
– वफा का वह दौर अलग था जहां राजे ने आज के बदले हुए मौसम को सीधा पॉइंट आउट किया.
– “तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे” – तो फिर आज किसी के किए हुए को कौन नहीं मान रहा है?
– उंगली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं – शायद इस बयान को केंद्र सेंट्रिक ना मानकर राजस्थान के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. बाकी सनद रहे कि ये बोलते समय मंच पर गुलाब जी भी बैठे थे.