–शोएब अख्तर
त्रिपुरा में लगातार दो हफ्तों तक चली सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में नाकाम रही भाजपा सरकार अब सामाजिक कार्यकर्ताओं , पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ सख्त हो गई है । माना जा रहा है कि सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों पर , पीड़ितों के पक्ष की बात करने वाले वकीलों पर और सांप्रदायिक हिंसा का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं पर जिस मुस्तैदी से एक्शन लिया जा रहा है वैसी मुस्तैदी अगर दंगाइयों के खिलाफ दिखाई गई होती तो उत्तर पूर्व के इस अहम राज्य की इतनी दुर्गति न होती । पहले दो मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों अंसारी इंदौरी और मुकेश को ऐसी नोटिस दी गई फिर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी टारगेट किया गया । खबरों के मुताबिक , अब तक 100 से ज्यादा लोगों को नोटिस दी जा चुकी है ।