फ़सल कटाई में मदद करते हैं,बदले में अनाज लेते हैं,और ग़रीबों में बाँट रहे ये युवा !


देश भर में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन है ऐसे में रोज़गार के तमाम संसाधन बंद हो गए हैं! गरीब मज़दूर और दीहाड़ी पर काम करने वाले लोगों के लिए खाद्य संकट उत्पन्न हो गया!

हालाँकि राजस्थान में सरकार के अलावा कई सामाजिक और मानवाधिकार संगठन लॉकडाउन के पहले दिन से ही लोगों को खाना मुहैया करवा रहे हैं वहीं अब सरकार ने कुछ जगहों पर सूखे राशन की व्यवस्था भी की है!

ऐसे में लोगों की मदद करने के मामले में कई शानदार और ख़ूबसूरत उदाहरण भी देखने को मिले हैं!

ये ख़ूबसूरत कहानी है राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर एक गाँव मखौली की है!

जहाँ के युवाओं ने लोगों की मदद करने का एक अलग ही तरीक़ा अपनाया है यह सब युवा नौकरी पेशा है कोई सरकारी अध्यापक है तो कोई पुलिस कॉन्स्टेबल है!

दरअसल इन दिनों फ़सल कटाई का दौर चल रहा है ऐसे में ये युवा खेतों में जाते हैं फ़सल कटाई में मदद करते हैं और उनसे कुछ अनाज लेते हैं!

टीम के एक सदस्य वारिस ख़ान कहते हैं “इससे दो फ़ायदे हैं हम फ़सल कटाई में मदद भी करते हैं और उनसे अनाज लेकर गरीबों की मदद करते हैं कि यह काफ़ी सुखद लगता है”

टीम के अन्य सदस्य अशफाक अली ख़ान कहते हैं “कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन की वज़ह से बेरोजगारी, भुखमरी का का सामना कर रहे लोगों की मदद के लिये ग्राम मखोली के युवा साथियों और के द्वारा छोटी पहल की गई!

जिसके तहत सभी युवा साथियों ने एक टीम का गठन कर हर घर से गेहूं का संग्रह करने का निश्चय किया जिसमें सभी युवा साथियों व ग्राम वासियों ने बढ़ चढ़कर भगीदारी की दो दिन में 25 क्विंटल से भी अधिक गेहूँ का स्टॉक किया जिससे पीड़ितों की मदद की जाएगी”

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