22 मार्च से पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते लोकडाउन लगा हुआ है एक तरफ़ ये महामारी लोगों की जान की दुश्मन बनी हुई है तो दूसरी तरफ़ ये लोक डाउन आम आदमी की भूख का दुश्मन बना हुआ है ।
ग़रीब ओर मज़दूर वर्ग के लिये इस समय जीवन यापन के लाले पड़े हुए है ।
ऐसे दुर्लभ ओर कठिन समय में कई सामाजिक संस्थाए ओर संगठन ग़रीब मज़दूर वर्ग और ज़रूरतमंदो को राशन ओर खाना पहुंचाने जैसी सेवा में लगे हुए है ।
ऐसी ही एक युवाओं की संस्था ” अर रहमान इस्लामिक फाउंडेशन ” के नाम से टोंक ज़िले की निवाई तहसील में पिछले पांच साल से जनसेवा का काम कर रही है ।
संस्था के युवा पिछले पांच वर्षों से निवाई में बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सभी वर्गों के लोगों में जनसेवा का काम कर रहै है।
लोक डाउन के समय से अब तक संस्था की तरफ़ से 100 परिवारों को एक महीने का ड्राई राशन किट वितरित किये जा चुके है और रमज़ान में ग़रीब लोगों को इफ़्तार किट दिए जा रहे है ।
“अर रहमान इस्लामिक फाउंडेशन निवाई” द्वारा लोकडाउन से अब तक 1लाख रुपये से ज्यादा का राशन वितरण किया जा चुका है ।
जहाँ एक और समाज मे धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव फैलाया जा रहा है लोगों को बाटा जा रहा है दूरियां पैदा की जा रही है वही दूसरी तरफ़ संस्था के लोगों का कहना है कि “भूख का ना कोई धर्म होता है ना जाति” जहाँ भी हम राशन भोजन वितरण करने गए किसी ग़रीब हिन्दू भाई ने ये नही कहा कि हम धर्म के आधार पर नही लेगें ।
संस्था के सदस्य इनायत अली का कहना है कि, “हमारी संस्था बिना किसी जाति धर्म के भेदभाव के सबकी मदद करती है। पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने भी कहा है कि रहम करने वालो पर रहमान भी रहम फरमाता है, तुम ज़मीन वालो पर रहम करो तुम पर वो (अल्लाह) रहम करेगा जो आसमान में है.”
संस्था की तरफ़ से हर महीने लोगों को राशन वितरण किया जाता है जिनमे अधिकतर विधवा महिलाएं और ग़रीब लोग शामिल है । इसके अलावा संस्था शिक्षा , रोज़गार , चिकित्सा क्षेत्र में भी सक्रिय है ।