कोरोना के संकट में पिछले 2 महीनों से जैसा कि हम देख रहे हैं कि पूरे देश में लागू किये गए लॉकडाउन की वजह से देश भर के लोगों को खासकर की गरीब, बेघर, हाशिये पर खडे लोगों को एवं प्रवासी मजदूरों को अभूतपूर्व संकट में डाला है। अभी तक देश में कुल 742 मौतें हुई हैं जिनका कारण कोविड संक्रमण नहीं है बल्कि सड़क दुर्घटना, भूख और लॉकडाउन के चलते हुई है।
ऐसे में आज 1 जून को राजधानी जयपुर में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की तरफ से राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण के चलते सभी जरूरी नियमों की पालना करते हुए दोपहर 12 बजे जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन रोजी रोटी अधिकार अभियान के बैनर तले आयोजित किया गया था।
मूक रैली का आयोजन करने के बाद राजस्थान के समस्त सामाजिक, महिला एंव जन संगठनों द्वारा जयपुर जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक संयुक्त ज्ञापन दिया गया।
पूरा ज्ञापन आप यहां पढ़ सकते हैं-
श्री नरेन्द्र मोदी,
माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार, नई दिल्ली
द्वारा श्रीमान जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट जयपुर
महोदय,
आप जानते हैं कि देश के सभी नागरिक और विशेष तौर पर मजदूर और किसान कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और 670 से अधिक मजदूर पैदल चलते हुए भूख प्यास या दुर्घटनाओं में मारे गए हैं. इन मारे गए मजदूरों और किसानों के पीछे उनका पूरा परिवार जो उनकी कमाई पर जिन्दा था. यदि केंद्र सरकार ने सही समय पर उनकी मदद की होती तो शायद ये हालत नहीं बनते और हमारे देश के मजदूरों और किसानो की जानें बचाई जा सकती थी. बहुत लोग जो अभी अपने स्थानों पर रह रहे हैं उनको भी खाद्यान्न के अभाव में एक समय का भोजन मिल रहा है या किसी किसी को भूखा भी सोना पड़ रहा है जोकि हमारे देश के लिए शर्म की बात है.
हमारे देश के खाधान्न भंडारों में अतिरिक्त अनाज के भंडार हैं लेकिन वह जरुरतमंद लोगों तक पहुँच नहीं रहा है क्योंकि उसके वितरण की नीति ठीक नहीं है. इसलिए लॉकडाउन और कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थितियों पर हमारी निम्न मांगे हैं जिन पर तुरंत विचार कर पूरी किये जाने की आवश्यकता है:-
- हर नागरिक को पूरे भोजन का अधिकार है उसे 10 किलो अनाज, 1.5 दाल, 800 ग्राम तेल प्रतिमाह दिया जाये.
- हर बेरोजगार श्रमिक के लिये हर राज्य में 30 जून तक मुफ्त परिवहन हो और केंद्र सरकार मुफ्त ट्रेन चलाये.
- प्रवासी मजदूरों का मार्च, अप्रेल, मई माह का पूरा वेतन दिया जिस प्रकार गृह मंत्रालय के आदेश में आदेशित किया गया है.
- आखिरी बचे सभी प्रवासी मजदूरों को चाहे वे एक राज्य से दूसरे राज्य में जान चाहते हों या एक जले से दूसरे जिले में जन चाहते हों उन्हें मुफ्त रेल या बस व्यवस्था गाव/घर तक पहुंचाए.
- राज्य सरकारें सर्वोच्च अदालत के 28.5.2020 के आदेशों का पालन करे और केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कल्याण या अन्य फंड उपलब्ध कराएं.
- श्रम कानूनों का पूरा पालन हो कोई भी श्रम कानून निरस्त नहीं किया जाये.
- हर नागरिक के (किसान, मजदूर या स्वयंरोजगारी) खाते में, टैक्स देने वाले को छोडकर, 7000/- रु. खाते में डाले जाएँ.
- लॉकडाऊन के असर से सफर में या कहीं मृत्यु हुए मजदूरों या अन्य के परिवार कम से कम 5 लाख रुपये दिए जाएँ.
- पलायन खत्म हो, हर गाव, मुहल्ला / नगर में स्थानीय रोजगार निर्माण और मनरेगा का में काम दिया जाये.
- महात्मा गाँधी नरेगा में इस वर्ष कम से कम 240 दिन का रोज़गार दिया जाये।