सोशल मीडिया पर एक समुदाय के खिलाफ नफ़रत फैला रहे वायरल वीडियो का सच!


थूकने और छींकने जैसी प्राकृतिक क्रियाएं भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने के काम आ रही हैं। चार पांच दिन से सोशल मीडिया पर मुसलमानों के थूक को ऐसा पेश किया गया है जैसे कि थूक न हुआ, परमाणु बम हो गया!

एक वीडियो वायरल हुआ कि मुस्लिम समुदाय के लोग सामूहिक रूप से छींक रहे हैं। वह वीडियो हजारों में शेयर हुआ। अब आप सोचिए कि मान लिया सच में कुछ लोग झुंड बनाकर छींक रहे हैं।

अब उसमें से किसी की छींक कोरोना मिश्रित हो तो नुकसान किसको होगा? जाहिर है कि जो लोग उस झुंड में हैं, पहले तो वे खुद चपेंगे! लेकिन वीडियो न जाने कहाँ का है और दिल्ली या लखनऊ में बैठा कोई चंपक उसे देख कर दुबला हुआ जा रहा है कि हाय मुसलमान कोरोना फैला रहे हैं!

दरअसल, वह वीडियो किसी छींकने या पादने का नहीं है। वह इबादत की एक सूफी पद्धति है जिसे जिकिर या धिकिर कहते हैं। आजतक की फैक्ट चेक टीम और ऑल्टन्यूज ने बताया है कि यह वीडियो कई महीनों से इंटरनेट पर घूम रहा है। यही वीडियो पहले पाकिस्तान में वायरल हुआ, अब यहां हो रहा है। यानी हम जहालत में पाकिस्तानियों से आगे निकल लिए हैं।

एक और वीडियो वायरल हुआ कि देखिए निजामुद्दीन में लोग बर्तन चाट कर कोरोना फैला रहे हैं। यह वीडियो दाउदी बोहरा समुदाय के लोगों का है जो खाने की बर्बादी नहीं करने में विश्वास करते हैं, इसके चलते ये लोग बर्तन चाट कर इन पर बचा हुआ खाना खत्म करते हैं। यह वीडियो जुलाई 2018 से ही इंटरनेट पर मौजूद है। सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन दाउदी बोहराओं के 53वें व मौजूदा धर्मगुरु हैं।

एक अन्य वीडियो वायरल हुआ कि देखिए साब! यह कोरोना के दौरान राहत कार्य चल रहा है और यहां गैर मुस्लिमों को खाना देने से पहले उसमें थूका जा रहा है। यह वीडियो भी 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है और इससे पहले शाहीन बाग के नाम से वायरल हो चुका है।

एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक आदमी कुछ पुलिस वालों के साथ किसी वाहन में है। वह आदमी पुलिस वाले पर थूकता दिख रहा है। दावा किया गया कि निजामुद्दीन में मौजूद रहा यह आदमी थूक कर पुलिस वालों को कोरोना से संक्रमित कर रहा है। यह वीडियो मुंबई के एक विचाराधीन कैदी का है, जिसने पुलिस वैन में ऐसी हरकत की थी।

अब किसी के पास अगर दिमाग है तो उसे यह सोचना चाहिए कि सारे मुसलमानों को यह कैसे पता है कि उनके थूक देने से कोरोना फैल जाएगा? क्या देश के हर मुसलमान के अंदर कोरोना मौजूद है? दरअसल, यह आपके दिमाग की गंदगी है जो इस रूप में बाहर आ रही है।

बहुत पहले एक फालतू गप्प लोगों में फैली हुई थी कि कुछ मुसलमान लोगों को खिलाते पिलाते हैं तो उसमें थूक देते हैं। फिर यह ज्ञान व्हाट्सएप विषविद्यालय में आ गया। अब यह आधिकारिक तौर पर लॉन्च हो गया है, जिसमें प्रशासन और मीडिया भी शामिल हो गया है।

निजामुद्दीन में या किसी आइसोलेशन सेंटर पर किसी ने ऐसी हरकत की भी हो तो क्या जो सुरक्षा बल उन्हें निकाल कर ले गए हैं वे इतने कमजोर हैं कि मारकर उनका मुंह नहीं तोड़ सके? इसे जनता में प्रचारित क्यों किया गया? क्योंकि यह सिर्फ जहरीला माहौल बनाने का प्रोजेक्ट है। कुछ लोग निजामुद्दीन से निकले और पूरे देश में थूकते घूम रहे हैं और बेचारी भारत सरकार लाचार देख रही है, यह आइडिया बेहद ही हास्यास्पद और फूहड़ है।

खूब सोच समझकर कह रहा हूं कि निजामुद्दीन में जो हुआ वह आपराधिक था. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मुझे लगता है कि यह सोशल मीडिया भारत के युवाओं को मनुष्य से उल्लू में तब्दील करने के लिए ही लांच हुआ था।


जिन घटनाओं के बारे में लिखा है, सबका लिंक नीचे दिया है. पढ़ें और दूसरों को पढ़ाएं।

– Krishna Kant

https://www.bbc.com/hindi/india-52148620

आइसोलेशन में छेड़छाड़ की बात निकली झूठी? नहीं मिले अभी तक कोई सुबूत

https://aajtak.intoday.in/story/fact-check-muslims-spitting-in-food-to-spread-coronavirus-1-1176969.html

https://aajtak.intoday.in/story/coronavirus-lockdown-fact-check-nizamuddin-markaz-tablighi-jamaat-viral-video-1-1177386.html

https://www.altnews.in/old-video-falsely-viral-as-muslim-man-spitting-on-food-at-indian-restaurant-in-the-backdrop-of-coronavirus-pandemic/

https://aajtak.intoday.in/story/fact-check-coronavirus-nizamuddin-markaz-sneezing-spread-covid-19-social-media-viral-post-1-1176821.html

https://www.altnews.in/coronavirus-video-of-an-undertrial-in-mumbai-falsely-viral-as-nizamuddin-markaz-attendee-spitting-at-cop/

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