राजस्थान में चुरू के रहने वाले एक सरकारी उर्दू शिक्षक शमशेर खान 1 नवम्बर से अपनी कुछ मांगों के लेकर चुरू से “दांडी सद्भाव यात्रा” पर निकले हैं. शमशेर खान राजस्थान के चुरू से लेकर गुजरात के दांडी तक करीब 1100 किलोमीटर का यह सफर पैदल ही तय कर रहे हैं.
शमशेर खान की यह पैदल दांडी यात्रा चुरू से शुरू होकर राजस्थान के राजसमन्द जिले में पहुंच चुकी है. जनमानस से बात करते हुए अपनी यात्रा का उद्देश्य बताते हुए शमशेर खान कहते हैं कि मेरी इस यात्रा का उद्देश्य देश में एकता शांति सद्भाव का संदेश देने के साथ साथ कुछ मांगों पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण करना है.
शमशेर खान कहते है कि हमारी तीन मांगे हैं
1.मदरसा पैरा टीचरों को नियमितीकरण किया जाए और उन्हें तृतीय श्रेणी अध्यापक के बराबर वेतन दिया जाए
2.सभी स्कूलों में जहां भी 10 बच्चे हो उर्दू भाषा का पद सृजित किया जाए
3.सभी कॉलेजों में उर्दू व्याख्याता का पद सृजित किया जाए
शमशेर खान की दांडी यात्रा और उनकी मांगों के समर्थन में राजस्थान के कई विधायक और पूर्व मंत्री भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके हैं।
विधायकों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि शमशेर खान के मांगों को मानते हुए उनकी सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित की जाए. कुछ विधायकों ने शमशेर खान के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी यात्रा ख़तम करवाने की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।
यह विधायक लिख चुके हैं मुख्यमंत्री को पत्र
अब तक किशनपोल विधायक अमीन खान, फतेहपुर विधायक हाकम अली खान, सरदार शहर विधायक भंवर लाल शर्मा, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया, मंडावा विधायक रीटा चौधरी, तारा नगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, पूर्व मंत्री भाजपा नेता युनूस खान, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली, कांग्रेस विधायक प्रत्याशी प्रोफेसर अय्यूब, आदर्श नगर विधायक रफीक खान, चुरू कांग्रेस विधायक प्रत्याशी रफीक मंडैलिया, नवलगढ़ विधायक डॉ राजकुमार शर्मा और भी कई नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शमशेर खान की मांगें मानने की सिफ़ारिश कर चुके हैं, लेकिन पता नहीं मुख्यमंत्री को अब किसकी सिफ़ारिश का इंतजार है.
सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार शमशेर खान से जाकर राजसमन्द में ही मुलाकात कर चुके हैं और उन्होंने सरकार के सामने मांगों को रखने का आश्वासन भी दिया है।