ठाकुर शमशेर भालू उर्दू बचाने के लिए एक सद्भावना यात्रा निकाल रहे हैं .चूरु कलेक्टर मुख्यालय से शुरू होकर पैदल दांडी तक जाएगी ! शमशेर भालू खान 1090 किलोमीटर पैदल दांडी यात्रा पर निकले हैं
उद्देश्य बताते हुए शमशेर ख़ान जनमानस राजस्थान से कहते हैं कि मुस्लिम समाज में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता उतपन्न करना है !
राजस्थान सरकार से माँगे –
1. मदरसा पैरा टीचरों को तृत्य श्रेणी अध्यापक के समान वेतन पर स्थाई करना ।
2. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 350 अ को लागू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित गुजराल समिति की रिपोर्ट की अनुपालना में मंत्री मण्डलीय समिति को रिपोर्ट के अनुसार निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर द्वारा जारी सरकुलर -शिविरा / शिक्षक / संस्थान/ F-6/1319/04 दिनांक 13-12-2004 को अक्षरस लागू करना जिसमें अल्पभाषाएँ ( उर्दू पंजाबी गुजराती सिंधी के शिक्षण सम्बन्धी दिशा निर्देश हैं)
3. सभी राजकीय महाविद्यालयो में उर्दू संकाय स्वीकृत करना ।
केंद्र सरकार से माँग –
अल्पभाषा आयुक्तायल नई दिल्ली जो कि चार वर्षों से मृत प्रायः है को पुनर जीवित करना व वहाँ पर रिक्त आयुक्त व अन्य पदों को भरा जाना व अल्प भाषा सम्बन्धी रिपोर्ट राष्ट्रपति महोदय के माध्यम से संसद के सदन के पटल पर प्रस्तुत कर सुरक्षण हेतु उपाय करने पर विचार करे ।
अल्पसंख्यक मामलात विभाग के अंतरगत पंद्रह सूत्री कार्यक्रम को वास्तविक धरातल पर अमल में लाया जाए ।
इस हेतु यदि सरकार यह माँगे नही मानती है तो जयपुर में मुस्लिम समाज द्वारा अनिश्चितकाल के लिए बैठेंगे भालू कहते हैं कि “मैं ख़ुद अनिश्चितक़ालीन आमरण अनशन पर बैठूँगा”