इस्लाम धर्म के लिए आपत्तिजनक बातें लिखने पर मुकदमा दर्ज, प्रकाशक ने माफी मांगी


राजस्थान में कक्षा 12 वीं राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तक और एक पासबुक में इस्लाम धर्म के विरुद्ध आपत्तिजनक बातें लिखे जाने का मामला प्रकाश में आया है.
इस मामले के संज्ञान में आने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा पाठ्यपुस्तक और पासबुक का विरोध किया जा रहा है. समुदाय के लोग आपत्तिजनक सामग्री को पुस्तक से हटाने के साथ ही प्रकाशक और लेखक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
प्रकाशक के खिलाफ थाने में मुकदमा हुआ दर्ज
जमात ए इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेश सचिव नईम रब्बानी ने बताया कि संजीव पास बुक एवं राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की 12 वी क्लास की राजनीति विज्ञान की किताब में धर्म विशेष के विरुद्ध टिप्पणी करने एवं समुदाय विशेष को बदनाम करने के ख़िलाफ़ जयपुर के लाल कोठी थाने में एफ आई आर दर्ज करा दी गई है। पुलिस ने IPC की धारा 295A, 120B के तहत मामला दर्ज किया है।
राजस्थान मुस्लिम फोरम का डेलिगेशन जयपुर पुलिस कमिश्नर कार्यालय में
नईम रब्बानी ने बताया कि कल दोपहर में राजस्थान मुस्लिम फोरम का एक डेलीगेशन जयपुर पुलिस कमिश्नर से मिला था और फौरन एफ आई आर दर्ज करवाने की मांग की थी। उसके बाद मोहसिन रशीद खान और अब्दुल सलाम जोहर की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरा सहयोग करने के लिए हम विधायक रफीक खान और विधायक अमीन काग़ज़ी का भी शुक्रिया अदा करते हैं।
प्रकाशक ने गलती मानते हुए मांगी माफी
विवाद बढ़ने पर संजीव प्रकाशन ने जमात ए इस्लामी हिन्द राजस्थान के सचिव नईम रब्बानी के नाम पत्र लिखकर माफी मांगी है.
संजीव पासबुक के निदेशक ने पत्र में लिखा है कि हमें व्यक्तिगत तौर पर मालूम हुआ है कि हमारी राजनीति विज्ञान कक्षा 12 की पास बुक के पेज नं. 395 पर हमारे लेखक की गलती से कुछ गलत शब्द छप गये हैं. जिससे आप लोगों को ठेस पहुँची है और ठेस पहुँचना वाजिब भी है. उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं.
संजीव पास बुक्स परिवार का हमेशा से ही सभी समाज, धर्म, जाति के प्रति सद्भावनाएँ रही हैं तथा सभी समाजों के सहयोग से संजीव पास बुक्स परिवार प्रगति की ओर अग्रसर होता रहा है.
निदेशक ने पत्र में यह भी लिखा है कि यह पास बुक जिस किसी भी होलसेलर के पास हैं उन्हें बिक्री के लिए हमने रोक दिया है जिससे वह बिक्री नहीं कर सके एवं अतिशीघ्र वापस मँगवाकर उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा.
माफ़ी स्वीकार नहीं
सामाजिक कार्यकर्ता मोहसिन रशीद का कहना है कि पहले भी इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट छापने का मामला सामने आने पर प्रकाशन ने माफी नामा दिया था लेकिन फिर से वही गलती बार बार दोहराई जा रही है, इसलिए हम इस माफीनामे को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हम प्रकाशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर कानूनी कार्रवाई करेंगे जिससे भविष्य में इस तरह की गलती ना दोहराई जाए।
क्या आपत्ति जनक लिखा है पाठ्यपुस्तक और पासबुक में?
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान,अजमेर की कक्षा 12 की राजस्थान पाठ्यपुस्तक मण्डल की राजनीति विज्ञान की किताब एवं इसी कक्षा की संजीव पास बुक में इस्लाम धर्म के विरुद्ध आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं.
संजीव पासबुक के पृष्ठ संख्या 395 प्रश्न संख्या 5 में लिखा है की
इस्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं?
इस प्रश्न के उत्तर में पासबुक में लिखा गया है कि इस्लामी आतंकवाद इस्लाम का ही एक रूप है.
वहीं कक्षा 12 की राजस्थान पाठ्यपुस्तक मण्डल जयपुर द्वारा चलाई जा रही राजनीति विज्ञान की किताब में पृष्ठ संख्या 156 पर बाहुचयनात्मक (बहुवेकल्पिक)  प्रश्न संख्या 4 में लिखा है की
इस्लामी आतंकवाद का निम्न लिखित में में कोनसा उद्देश्य नहीं है?
 (अ) विश्व में मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना करना
(ब) पश्चिमी गेर मुस्लिम शक्तियों का हिंसक गतिविधियों से प्रतिरोध करना
(स) विश्व मे शांती स्थापित करना
(द) विश्व में इस्लामी कानूनों और सिद्धांतों को लागू करना
इसी किताब के पृष्ठ संख्या 157 पर लघु उत्तरात्मक प्रश्न 6 में लिखा है की इस्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं ?
राजस्थान में पाठ्यक्रम हमेशा रहा है विवादों में
राजस्थान में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकें और उनका पाठ्यक्रम हमेशा से ही विवादों में रहा है. सरकार बदलने के साथ ही यहां पाठ्यक्रम में बदलाव होना एक आम बात है. प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही पाठ्यक्रम के भगवाकरण और साम्प्रदायिकरण के आरोप भी हमेशा लगते आए हैं. पहले यहां किताबों में मुगल बादशाह अकबर को महान पढ़ाया जाता था लेकिन भाजपा की सरकार में महाराणा प्रताप को महान पढ़ाया जाने लगा. यही नहीं हल्दीघाटी के युद्ध का परिणाम भी सरकार बदलते ही बदल दिया जाता है.
इस बार भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पाठ्यक्रम में बदलाव की घोषणा कर दी थी लेकिन शायद वो इस बात का ध्यान रखना भूल गए कि किताबों के अंदर क्या लिखा और पढ़ाया जा रहा है उस पर भी ध्यान रखना जरूरी है.

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