राजस्थान में टोंक सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. दिसम्बर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने पहली बार विधानसभा का चुनाव टोंक से ही लड़ा था और 54 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.
प्रदेश की राजनीति में चल रही उठा पठक के बीच सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री बनाएं जाने की बात को लेकर कांग्रेस से बगावत कर दी है. सचिन पायलट के बगावत करने के बाद पार्टी ने उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया है.
सचिन पायलट के कांग्रेस से बगावत करने और कांग्रेस की गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश करने की खबरें आने के बाद 15 जुलाई बुधवार को टोंक में नाराज़ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट का पुतला फूंक दिया.
राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश समन्वयक मोहसीन रशीद , पार्षद अताउल्लाह खां, इमदाद खान , यूथ कोंग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष शाहज़ेब खान और टोंक के कई लोगो ने टोंक के विधायक सचिन पायलट का पुतला फूंका.
मोहसिन रशीद ने जनमानस को बताया कि सचिन पायलट द्वारा कांग्रेस की सरकार गिराने का प्रयास टोंक की जनता के साथ धोखा है. यह जनता के मत का दुरुपयोग है हमनें सचिन पायलट को नहीं कांग्रेस को वोट दिया था. अगर सचिन पायलट को लगता है कि उन्हें चुनाव में जीत उनके संघर्ष की वजह से मिली है तो सचिन पायलट इस्तीफा देकर आएं और बिना कोंग्रेस के टिकट के टोंक से चुनाव जीत कर बताएं ।