राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ और राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ एवं अन्य सामाजिक संगठनों के समर्थन से उर्दू तालीम और मदरसा तालीम की हिमायत में 21 फरवरी को सुजानगढ़ के गांधी चोक मे एक आम सभा हुई।
सभा को करीब दो दर्जन वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुये अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गहलोत सरकार को जमकर ललकारा और मांगें नहीं मानी गई तो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हराने की लोगों से अपील करने के साथ साथ उक्त सम्बंध मे प्रस्ताव भी पास किया गया। जिसका उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया।
सभा को राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी, राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष समीर कुरैशी, उपाध्यक्ष जुल्फिकार अली खान, राजस्थान स्टेट औकाफ काॅन्सिल के जनरल सेक्रेटरी एम फारूक़ ख़ान, मदरसा पैराटीचर अब्दुर्रज्जाक खिलजी फलौदी, मदरसा पैराटीचर संघ सीकर के जिलाध्यक्ष जफर अली, सूबेदार जाफर खान खेड़ी राडान, एडवोकेट एजाज नबी खान जाजोद, एडवोकेट जावेद अली खान खींवासर, कांग्रेसी नेता व पार्षद मास्टर दाऊद अली, असलम खान भींचरी, एडवोकेट तिरलोक मेघवाल, समाजसेवी नूर खान पहाड़ियान, विजयपाल स्योराण सुजला संघर्ष समिति, शिक्षाविद रणजीत खान लाडनूं, एडवोकेट मोहम्मद दयान खान, अख्तर निम्बी जौधान, चीफ शहर काजी सुजानगढ मोहम्मद आरिफ, हाफिज़ अकरम आदि ने सम्बोधित किया।
सभा की शुरुआत तिलावत ए कुरआन से मुमताज़ अली कादरी ताल छापर ने किया और छात्र साहिल ने नआत शरीफ़ पढी। गंगा जमुनी तहजीब वाली उर्दू ज़बान को फरोग (बढावा) देने और देश प्रेम व भाईचारे को मजबूत करने के लिए उर्दू शायर गोपाल जाट “सुजानगढ” ने अपने कई शेर पेश कर माहौल को गरमाये रखा।
वक्ताओं ने उर्दू तालीम और मदरसा तालीम के साथ की जा रही अशोक गहलोत सरकार की नाइन्साफी को विस्तार से बिन्दुवार बताया और शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह डोटासरा द्वारा किए गए उर्दू तालीम के खात्मे के आदेश और प्रयासों की जमकर निन्दा की तथा बीच बीच मे अशोक गहलोत एवं गोविन्द सिंह डोटासरा के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की।
वक्ताओं ने कहा कि यह आन्दोलन हमारा बरसों से चल रहा है और पिछले दिनों 18 जनवरी को उन्होंने जयपुर कलेक्टरेट पर अनिश्चितकालीन धरना भी लगाया था और फिर 22 जनवरी को सिविल लाइन्स कूच के नाम से मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी किया था। लेकिन सरकार ने आज तक हमारी एक भी मांग नहीं मानी है। इसको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खुली हठधर्मिता बताया। इसलिए मजबूर होकर हमने सुजानगढ में आम सभा रखी है, ताकि हमारी आवाज़ सुजानगढ की धरती से मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचे और मुख्यमंत्री की आंखें खुलें।
यह भी बताया गया कि जो लोग यह कह रहे हैं कि मांगें मान ली गई हैं, वे लोग उर्दू तालीम और मदरसा तालीम के दुश्मन हैं, जो गहलोत व डोटासरा से मिलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
वक्ताओं ने बताया कि सुजानगढ आम सभा को हमने “सुजानगढ कूच” का नाम इसलिए दिया है कि यहाँ विधानसभा उप चुनाव हैं और हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम सुजानगढ सहित होने वाले उपचुनाव की चारों सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ़ वोट करने की अपील करेंगे। इस कूच के लिए हमने 11 फरवरी से तीन जिलों सीकर, चूरू और नागौर के विभिन्न गांवों व कस्बों का दौरा किया है।
इस दौरे में हमने 45 छोटी बड़ी मीटिंग्स आयोजित की हैं। जिनमें सीकर, कासली, किरड़ोली, जाजोद, लक्ष्मणगढ़ ईदगाह मस्जिद, खीरवा, खेड़ी राडान, चूड़ी मियां, बलारां, खींवासर, बेसवा (दरगाह शरीफ़), भींचरी, भगासरा, बलोद भाखरा, बागड़दा, जलालसर, गारिन्डा, फतेहपुर मदनी मस्जिद, राजास, मगलूणा, शोभासर, कणवारी, बुधवाली, पड़िहारा, सुजानगढ होली धोरा, सुजानगढ जलेबी शाह चौक, सुजानगढ स्टेशन बास, सुजानगढ मोहम्मदी चौक, लाडनूं शहरिया बास, लाडनूं तेली रोड, लाडनूं बड़ा बास, लाडनूं जावा बास, निम्बी जौधान, हुडास, नागौर दरगाह सूफी साहब के पास, बीदासर इन्दिरा चौक आदि प्रमुख हैं।
सुजानगढ कूच नाम की इस आम सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी और रिटायर्ड आर्मी हवलदार यासीन खान शोभासर ने की। मंच पर सरपरस्ती यहाँ के गांधी चौक के पास 50 साल से बूट पॉलिश करने वाले रूपाराम और समाजसेवी अकबर खान मगलूणा ने की और मंच संचालन एम फारूक़ ख़ान ने किया।
– अशफ़ाक कायमखानी