लोकसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। किरोड़ी लाल मीणा पूर्व राज्यसभा सांसद हैं और वर्तमान में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। राजस्थान की दौसा और टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट को किरोड़ी लाल मीणा के प्रभाव वाली सीट माना जाता है लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान पिछले कुछ दिनों से किरोड़ी लाल मीणा के जिस तरह से बयान आ रहे हैं उसको देख कर लग रहा है कि यहां सब कुछ ठीक नहीं है।
राजस्थान के राजनीतिक मामलों के जानकार पत्रकार अवधेश पारीक ने किरोड़ी लाल मीणा के बयानों का विश्लेषण किया है जो कुछ इस प्रकार है
“पांच दिन से घूम रहा हूं लेकिन SC,ST के लोग समझ नहीं रहे हैं और खासकर मीणा तो समझ ही नहीं रहे हैं”
“विधानसभा चुनावों में सबसे ईमानदार IAS व्यक्ति को हराकर मेरी इज्जत नहीं रखी और अब फिर बेइज्जती कर रहे हो” इसके बाद वह बिना भाषण दिए मंच छोड़कर चले गए.
“गांव में पटवारी, मास्टर और लाइनमैन ये सब जितने भी मीणों के नौकर है उनका एक ही काम है मोदी के खिलाफ माहौल बनाना, सुन लो…सरकारी कर्मचारियों को यहां चेतावनी दे रहा हूं, सबकी लिस्ट तैयार हो रही है…चुनाव के बाद एक-एक का हिसाब होगा”
…ये कुछ बयान है जो राजस्थान के चुनावी मौसम का रंग चटक करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, पिछली गहलोत सरकार में लगातार 5 सालों तक एक नेता चर्चा में रहा…कभी धरने, कभी घेराव तो कभी अपने और तो कभी विपक्षियों को हड़काने के लिए…
…नाम किरोड़ीलाल मीणा और अब एक बार फिर किरोड़ी बाबा चर्चा में है, इस बार वजह दौसा लोकसभा जहां किरोड़ीलाल ने जीत के लिए पूरा जोर लगा रखा है लेकिन इस जोर लगाने के सिलसिले में उनके ऐसे कुछ बयान सामने आ रहे हैं जिनको देखकर सियासी गलियारों में सवाल है कि क्या दौसा फंस गया है, क्या बाबा पर दबाव है, क्या दौसा वर्चस्व की लड़ाई का केंद्र बन गया…वगैरह वगैरह!
दौसा का चुनाव वहां के प्रत्याशी से शिफ्ट होकर अन्य एक-दो सीटों की तरह व्यक्ति विशेष पर आ गया है जहां किरोड़ी vs मुरारीलाल मैदान में है. दौसा सीट टिकट को लेकर पिछली बार भी आखिर तक फंसी रही थी और इस बार भी वैसा ही हुआ.
बीजेपी ने सिटिंग MP जसकौर मीणा का टिकट काटा, इससे पहले उनकी बेटी या किरोड़ी के भाई का नाम चल रहा था. आखिर में बीजेपी ने बीचबचाव करते हुए एक तीर से संभवत: दो निशाने साधते हुए किसी नए चेहरे को उतारा जिसके बाद किरोड़ीलाल मीणा के जिम्मे दौसा सीट आ गई.
दौसा में पीएम मोदी ने रोडशो किया, किरोड़ी रथ पर बगल में खड़े दिखे, जानकारों का कहना है कि संभवत: दौसा सीट जीतना किरोड़ीलाल के लिए वर्चस्व और खुद को साबित करने की लड़ाई के तौर पर आ गई है.
वहीं बीते दिनों किरोड़ीलाल ने महुआ में दौसा अगर हार गए तो मंत्री पद तक छोड़ने का कहा था जिसके बाद सचिन पायलट ने इसे हाथोंहाथ लिया और मंत्री की कुर्सी छोड़ने वाले बयान पर तंज मार दिया.
पायलट परिवार और दौसा सीट का कनेक्शन हर कोई जानता है, ऐसे में मुरारी के पीछे खड़े पायलट ने भी चुनाव को किरोड़ीलाल की तरफ घुमाने में पूरा जोर लगाया.
दौसा किरोड़ी लाल के भी प्रभाव वाला जिला माना जाता है. इधर सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि जसकौर मीणा का टिकट कटने में किरोड़ी मीणा के सुझाव ने भी काम किया और उनकी पैरवी पर ही कन्हैयालाल मीणा को टिकट मिला.
ऐसे में किरोड़ी लाल की अब लगातार उठ रही नाराजगी और गुस्से को बीजेपी के स्थानीय नेताओं के कामकाज के तौर तरीकों से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं चुनावी सभा में भीड़ नहीं जुटने को भितरघात के संकेत के तौर पर भी माना जा रहा है.