राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 11 मार्च को पांचवी बोर्ड परीक्षा का टाइम टेबल जारी किया गया था लेकिन इसमें उर्दू विषय की परीक्षा सिर्फ मदरसों के विद्यार्थियों के लिए ही करवाए जाने की बात लिखी गई थी, जबकि पांचवीं कक्षा में कई सरकारी स्कूलों में भी उर्दू विषय पढ़ाया जाता है। इस वजह से सरकारी स्कूलों में पांचवी कक्षा में उर्दू पढ़ रहे बच्चों की परीक्षा होने पर ही संकट खड़ा हो गया था।
पांचवी बोर्ड परीक्षा में सरकारी स्कूलों में उर्दू विषय को शामिल नहीं करने के विरोध में शुक्रवार 25 मार्च 2022 को शाम 5 बजे ईदगाह,जयपुर के बाहर भाषायी अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों और पेरेंट्स के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी के नेतृत्व में किया गया।
अमीन कायमखानी ने बताया कि पाँचवी बोर्ड परीक्षा जो कि अप्रेल माह में आयोजित होने जा रही है इस परीक्षा में उर्दू विषय का प्रश्नपत्र सिर्फ मदरसों के विद्यार्थियों तक सीमित रखा गया है जबकि उर्दू सिंधी पंजाबी व गुजराती विषय सरकारी स्कूलों में भी प्राथमिक स्तर में संचालित हो रहा है। 2019 तक पांचवी बोर्ड परीक्षा में भी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी सम्मिलित होते रहे है जिसमें उर्दू विषय की भी परीक्षा होती थी। वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना महामारी की वजह से सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रमोट कर दिया गया था।
अमीन कायमखानी ने बताया कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री ने बजट 2021-22 में 20 विद्यार्थी प्राथमिक स्तर पर नामांकन होने पर सरकारी विद्यालय में उर्दू शिक्षण की व्यवस्था की घोषणा की थी। वहीं दूसरी और शिक्षा विभाग द्वारा घोषित पांचवी बोर्ड परीक्षा के टाइम टेबल से उर्दू को गायब कर दिया गया है। इसके विरोध में हमनें उर्दू भाषी विद्यार्थियों, अभिभावकों और उर्दू शिक्षको के साथ मिलकर 5वी बोर्ड परीक्षा में सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा कार्यक्रम में तत्काल संशोधन की मांग को लेकर राज्य सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर बोर्ड परीक्षा के कार्यक्रम की प्रतियां जलाकर जयपुर में प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन के बाद और मामला बढ़ने पर शिक्षा विभाग ने अपनी गलती मानते हुए परीक्षा कार्यक्रम में संशोधन का आदेश जारी कर दिया है।
प्रारम्भिक शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक कानाराम ने 25 मार्च को समस्त प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, राजस्थान, को आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्याकन (कक्षा 5). 2022 का परीक्षा कार्यक्रम दिनांक 11.03.2022 को जारी किया गया था। इस कार्यक्रम में दिनांक 27.04.2022 बुधवार को होने वाली परीक्षा में विषय उर्दू (मदरसों हेतु) अंकित के स्थान पर विषय उर्दू (मदरसों एवं उर्दू अध्यापन कराने वाले अन्य विद्यालय) पढा जावें।
राजस्थान में सरकार भले ही कांग्रेस की है लेकिन अधिकारियों का रवैया उर्दू के साथ हमेशा से पक्षपात वाला ही रहा है। स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर कई स्कूलों से उर्दू को खत्म कर दिया गया है। हाल ही में सभी स्कूलों में सिर्फ एक ही तृतीय भाषा पढ़ाए जाने का भी आदेश जारी किया गया था जिसको की मुस्लिम समाज के विरोध के बाद वापस लिया गया। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री अपने भाषणों में भले ही एक कक्षा में 10 बच्चे उर्दू पढ़ने वाले होने पर उर्दू शिक्षक लगाने की बात करते हैं लेकिन यह घोषणा धरातल पर उतरती हुई नहीं दिख रही है और सरकारी स्कूलों से धीरे धीरे उर्दू खतम होती जा रही है।