बाबा रामदेव ने कोरोना महामारी के इलाज के लिए बड़े ताम-झाम के साथ कोरोना की दवा ‘कोरोनिल’ बनाने का दावा बीते मंगलवार को किया जिसके बाद से उनकी कंपनी पतंजलि की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज कराने पर विचार कर रही है तो उत्तराखंड सरकार भी पतंजलि को नोटिस भेजने की तैयारी में है।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बाबा रामदेव के कोरोना की दवा कोरोनिल खोजने के दावे को फ्रॉड बताते हुए कहा कि, महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है, जो अच्छी बात नहीं है।
आवेदन को लेकर शर्मा ने कहा कि, ना तो हमारे पास किसी ने कोई आवेदन किया है, ना ही हमने किसी को अनुमति दी है, तमाशा है क्या कोई, इस तरह की जो क्लीनिकल ट्रायल है वो बिना सरकार के परमिशन के कोई कैसे कर सकता है, यह तो पूरी तरह से आपराधिक कृत्य है।
कोरोना महामारी से पूरी दुनिया सदमे में हैं, पूरी दुनिया में लाखों लोग मर रहे हैं और यहां ये अपने लेवल पर क्लीनिकल ट्रायल करके मीडिया के जरिए आम आदमी को गुमराह कर रहे हैं। वह आगे जोड़ते हैं कि, कोरोना महामारी को इन्होनें मजाक बना दिया है, ये कोई दुकानदारी है क्या, मजाक बना दिया है इन्होंने।
एसिमटोमेटिक मरीजों की 7 दिन में वैसे ही रिकवरी हो रही थी, इसके अलावा कई मरीज 3 दिन में भी रिकवर हुए हैं, बाबा रामदेव का यह जो दावा है कि कोरोनिल से 7 दिन में ठीक हो जाएंगे, यह सिर्फ तमाशा है, और बाबा रामदेव को सदी की सबसे गंभीर बीमारी की गंभीरता समझते हुए लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
एजेंसी पर बोलते हुए शर्मा ने आगे कहा कि, हमारे सामने WHO, केंद्र सरकार, ICMR जैसी संस्थाएं हैं, सभी को आपने दरकिनार करके अपनी मर्जी से ही क्लीनिकल ट्रायल कर लिया, इसकी कानूनी जांच होनी चाहिए।
हमने कोरोना की लड़ाई को केंद्र सरकार और आईसीएमआर की गाइडलाइन को अपनाते हुए लड़ा है और बिना किसी इजाजत के हम खुद किसी तरह का कोई ट्रायल नहीं करते हैं और ना ही करेंगे।
गौरतलब है कि कोरोनिल से कोरोना के इलाज का दावा करने के बाद शाम होते-होते रामदेव के दावे पर आयुष मंत्रालय ने आपत्ति दर्ज करवाई और जवाब मांगे। इसके बाद बिना सरकार की मंजूरी के बाबा रामदेव की कोरोनिल बिक्री पर रोक लग गई है।