एग्जिट पोल: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की तीनों सीट जीत रही है कांग्रेस !


राजस्थान के सुजानगढ़, सहाड़ा व राजसमंद विधानसभा के तत्तकालीन विधायकों के निधन के बाद रिक्त हुई सीटो पर हुये उपचुनाव के लिये 17-अप्रेल को मतदान होने के बाद राजनीति पर नजर रखने वालो का मानना है कि भाजपा नेताओं की आपसी फूट एवं खासतौर पर सुजानगढ़ व सहाड़ा मे रालोपा उम्मीदवारों द्वारा अच्छा खासा मत प्रतिशत लेने के अलावा सत्ता व संगठन की ताकत के साथ नेताओं की एकजुटता के चलते कांग्रेस तीनो चुनाव आसानी से जीत रही है।

2018 के आम विधानसभा चुनावों के मुकाबले दो घंटे का मतदान समय बढाने के बावजूद इन उपचुनावों मे मतदान प्रतिशत कम रहा है। तीनो विधानसभाओ का मिलाकर 60.71 प्रतिशत मतदान रहा है। जबकि 2018 मे इन्हीं तीनो सीटो पर 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुवा था।

तीनो विधानसभाओं के लिये कांग्रेस-भाजपा व रालोपा के तीन तीन उम्मीदवारों को मिलाकर कुल 27-उम्मीदवार मैदान मे थे। चुनाव आयोग के अनुसार राजसमंद मे 67.18 , सहाड़ा मे 56.56 व सुजानगढ़ मे 59.20 प्रतिशत मतदान रहा। जबकि 2018 के आम चुनाव मे राजसमन्द मे 76.59 सहाड़ा मे 73.56 व सुजानगढ़ मे 70.68 मतदान हुवा था। मतो की गिनती दो मई को होकर परिणाम जारी होगे।

कांग्रेस के प्रत्याशी

राजसमंद से भाजपा की तत्तकालीन विधायक किरण महेश्वरी व सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी के कोरोना से व सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक भंवरलाल मेघवाल केे अन्य बिमारी के चलते निधन होने पर रिक्त हुई सीटो पर उपचुनाव हुये है। जिसके लिये कांग्रेस ने सुजानगढ़ से भंवरलाल के पुत्र मनोज मेघवाल व सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी के अलावा राजसमंद से तनसुख बोहरा को उम्मीदवार बनाया ।

भाजपा के प्रत्याशी

भाजपा ने राजसमंद से किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति महेश्वरी, सुजानगढ़ से खेमाराम मेघवाल व सहाड़ा से रतनलाल जाट को उम्मीदवार बनाया।

रालोपा के प्रत्याशी

वही रालोपा ने सुजानगढ़ से सीताराम नायक, सहाड़ा से बद्री जाट व राजसमंद से प्रहलाद खटाना को उम्मीदवार बनाया है। सुजानगढ़ मे रालोपा उम्मीदवार नायक व भाजपा उम्मीदवार खेमाराम के मध्य दुसरे व तीसरे नम्बर के लिये संघर्ष है। वही सहाड़ा मे रालोपा उम्मीदवार बद्री जाट अच्छे मत लेकर आयेगे।

मेवाड़ की राजसमंद सीट से भाजपा उम्मीदवार चयन के लिये गुलाबचंद कटारिया व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के मध्य संघर्ष मे ओम बिड़ला की पसंद को तरजीह मिली, ऐसा सूूत्र बतातेे हैं ।

उपचुनावों मे प्रचार से पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दूर रहना व राजसमंद की एक सभा मे विपक्ष के नेता गुलाबचन्द कटारिया द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के लिये अशोभनीय शब्दो का उपयोग करना भाजपा के लिये भारी साबित हुवा , ऐसी चर्चा है।

इसके विपरीत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा द्वारा चुनाव प्रचार मे कार्यकर्ताओं को धमकाने जाने वाले अंदाज मे सम्बोधित करने के साथ साथ नाथी का बाड़ा वाले शब्द उपयोग से होने वाले नुकसान को कांग्रेस ने समय रहते कंट्रोल किया।

साथ ही बताते है कि प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के 14 व 15 अप्रेल को चुनाव प्रचार के लिये चुनावी क्षेत्रो मे जाने के पूर्व निर्धारित कार्यकमों मे उनको जाने को रोका गया बताते है। वही कांग्रेस पार्टी द्वारा तीनो सीटो के लिये बनाये प्रभारियों ने पुरे समय वही रहते हुये अच्छी तरह से चुनाव मेनेज किया।

राजस्थान मे 2018 के आम विधानसभा चुनाव के बाद हनुमान बेनीवाल व नरेन्द्र खिचड़ के विधायक से सांसद बनने के बाद रिक्त हुई खींवसर व मंडावा विधानसभा मे उपचुनाव हुये थे। जिनमे मंडावा की सीट जो भाजपा के पास थी उस सीट को उपचुनाव मे भाजपा से कांग्रेस ने छीन कर वहां से कांग्रेस की रीटा चोधरी विधायक बनी थी। जबकि खीवसर सीट पर रालोपा का कब्जा बरकरार रहा। वहां हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल विधायक चुने गये थे।

वर्तमान कांग्रेस सरकार के समय पहले दो ओर अब यह तीन उपचुनावों को शामिल मानकर अबतक कुल पांच उपचुनाव हो चुके है। कांग्रेस विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत के निधन से खाली हुई सीट बल्लभगढ़ विधानसभा से उपचुनाव होना अभी बाकी है।

कुल मिलाकर यह है कि अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित सीट सुजानगढ़ से कांग्रेस अच्छे अंतर से चुनाव जीत सकती है। वहीं यहां रालोपा व भाजपा मे दुसरे नम्बर के लिये संघर्ष माना जा रहा है।

सुजानगढ़ के मुकाबले राजसमंद व सहाड़ा से कांग्रेस की जीत का अंतर कम रहता लगता है। सहाड़ा व राजसमंद के कुमावत मतदाताओं ने भी कलाबाजियां दिखाई है। अर्थात सुजानगढ़ व सहाड़ा पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार व राजसमंद की सीट भाजपा से कांग्रेस छीन रही है।

अशफ़ाक कायमखानी


 

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