बारां जिले में जिस दिन कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया ने वार्ड नंबर 24 से जिला परिषद सदस्य के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था उसी दिन से सभी को पता था कि वो जिला प्रमुख बनेंगी।
इस बार जिस तरह से पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव में मंत्री प्रमोद भाया ने पूरे बारां जिले में कांग्रेस का प्रचार किया था सबको यह उम्मीद थी कि कांग्रेस को आसानी से बहुमत मिल जाएगा लेकिन जब चुनाव नतीजे घोषित हुए तब 25 में से भाजपा को 13 सीट मिली और कांग्रेस को 12 सीट पर जीत नसीब हुई। इस तरह से कांग्रेस बहुमत से एक सीट दूर रह गई।
भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद भी पूरे बारां जिले के कांग्रेसी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि जिला प्रमुख तो उर्मिला जैन ही बनेंगी, वहीं भाजपाई भी इस बात को लेकर आशंकित थे की जिला प्रमुख के चुनाव में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
इससे बचने के लिए भाजपा ने बारां प्रभारी अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी और छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी के नेतृत्व में बाड़ेबंदी से लेकर सदस्यों को पीपीई किट पहनाने तक सारे जतन किए थे लेकिन फिर भी हुआ वही जिसकी आशंका जताई जा रही थी।
भाजपा अपने सदस्यों को क्रॉस वोटिंग से नहीं रोक पाई और बहुमत नहीं होने के बावजूद भाजपा सदस्यों की मदद से कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया जिला प्रमुख बनने में कामयाब हो गई।
इसके बाद गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने बारां में स्थित भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह के कार्यालय पर पथराव कर दिया जिसमें कुछ लोगों के खिलाफ़ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है।
बारां जिले में इस घटना के बाद जहां कांग्रेस में खुशी का माहौल है वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है। आम लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि यहां भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता आपस में मिले हुए हैं और एक दूसरे की वक्त आने पर चुपचाप मदद भी करते हैं।
भाजपा की जिला प्रमुख की उम्मीदवार प्रियंका शर्मा ब्राह्मण समुदाय से होने की वजह से उनकी हार के बाद ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा भाजपा के बड़े नेताओं के प्रति नाराज़गी जताई जा रही है।
भाजपा राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गुटबाजी में बंटी हुई है और इस क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद होने की वजह से भाजपा की इस हार की चर्चा पूरे राजस्थान में हो रही है।
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कांग्रेस का बहुमत नहीं होने के बावजूद पत्नी उर्मिला जैन भाया को जिला प्रमुख बनाकर प्रदेश की राजनीति में अपना कद बड़ा कर लिया है।