हिरासत में मारे गए मोहम्मद रमजान के मामले में अदालत के आदेश पर हत्या का मुकदमा दर्ज


राजस्थान में बारां जिले के मांगरोल निवासी मृतक मोहम्मद रमजान जो कि बारां जिला कारागार में सजायाफ्ता बंदी था। जिसे बीमार होने के बाद उपचार के लिए जिला कोटा कारागार स्थानांतरित किया गया था वहां से कोटा जिले के मेडिकल कॉलेज में उपचार हेतु उसे भर्ती कराया गया था।

परिजनों का आरोप है कि वहां पर चालानी गार्ड और ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों ने उसके साथ लाठियों और पाइप के डंडों से मारपीट की थी। जिससे उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई थी और उसकी हालात ज्यादा ख़राब हो गई थी। आनन फानन में पुलिसकर्मी उसे जयपुर ले गए थे। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मृतक ने 23 अप्रैल 2019 को अपनी मृत्यु से पूर्व एक पत्रकार को एक वीडियो में अपने साथ हुई मारपीट का बयान दिया था।

परिजनों का आरोप है कि उसके बाद पुलिस डॉक्टरों से जबरदस्ती उसे जयपुर अस्पताल से डिस्चार्ज करवाकर कोटा ले आई। इसके बाद कोटा अस्पताल में इलाज के दौरान 29 अप्रैल 2019 को मोहम्मद रमजान की मौत हो गई थी।

जिसके बाद कोटा अस्पताल में परिजनों ने न्यायिक जांच की मांग करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था, बाद में सक्षम अधिकारी द्वारा न्यायिक जांच का आश्वासन देने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम हो पाया था। लेकिन उसके बाद मामले में एफआर लगा कर मामले को बंद कर दिया गया था।

अब कोटा के महावीर नगर थाने की पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद आईपीसी की धारा 302, 330 और 325 में मामला दर्ज कर फिर से जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने चालानी गार्ड दिनेश मीणा और रामधन को आरोपी बनाया है। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक मुकुल शर्मा (RPS) कर रहे हैं। पुलिस ने सभी गवाहों को 31 जनवरी तक बयान दर्ज करवाने को कहा है।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश महासचिव महबूब अंसारी ने बताया कि इस मामले में पार्टी की बारां और कोटा इकाई ने आंदोलन चलाया था उस समय पार्टी के कोटा जिलाध्यक्ष शोएब अहमद व बारां जिलाध्यक्ष अब्दुल अजीज ने इस मामले में कानूनी कार्यवाही के लिए अदालत में मुकदमा दायर किया था जिसकी पैरवी कोटा के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट अख़्तर खान अकेला, एडवोकेट अंसार इंदौरी , एडवोकेट आबिद अब्बासी और एडवोकेट राजा म्होबिया ने की थी। उनकी कोशिश के बाद अदालत ने थाना महावीर नगर को मुकदमा दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में मृतक के पुत्र रिजवान के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और अन्य गवाहों के बयान दर्ज करवाना बाकी है। जांच चल रही है जल्दी ही जांच पूरी होकर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

SDPI के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान खान ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि जब तक देश में इंसाफ की आवाज बुलंद करने वाले लोग जिंदा है तब तक किसी के साथ नाइंसाफी नहीं की जा सकती। कुछ समय के बाद ही सही लेकिन इस मामले में अदालत ने इंसाफ किया है और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि पुलिस निष्पक्ष जांच करके जल्द हत्यारे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी।


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *