जयपुर। भंवर मेघवंशी (अध्यक्ष,पीयूसीएल, राजस्थान ), अनंत भटनागर ( सचिव, पीयूसीएल, राजस्थान), मीता सिंह ( अध्यक्ष, पीयूसीएल, जयपुर), सुमन देवठिया (सचिव, पीयूसीएल, जयपुर) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जयपुर शहर में 29, सितंबर को निकली जा रही सांप्रदायिक वाहन रैली को रोकने की मांग की है। पीयूसीएल ने आरोप लगाया है कि हवामहल विधायक, संजय शर्मा, तथाकथित स्वामी बालमुकुंद आचार्य जयपुर शहर में सोहार्द को लगातार बिगाड़ रहे हैं।
पीयूसीएल राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भंवर मेघवंशी ने बताया कि जयपुर हवा महल विधायक तथाकथित स्वामी- आचार्य बालमुकुंद द्वारा लगातार समाज में द्वेष और मतभेद फैलाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही उन्होंने एक ईमित्र के संचालकों पर अनाधिकृत रूप से छापा मारकर फ़र्ज़ी कागजात बनाने का झूठा आरोप लगाकर हंगामा किया। पुलिस के सामने उन्होंने गैरकानूनी रूप से तलाशी और ज़ब्ती जैसी कार्यवाही की और पुलिस मूकदर्शक बन कर खड़ी रही। फिर पुलिस ने e-mitra चालकों को हिरासत में ले कर उन पर फर्जी मामला किया, जबकि बिना अनुमति के जानबूझकर प्रवेश कर निजी संपत्ति (कागजातों)को कब्जा करना आदि का मामला विधायक बालमुकुंद आचार्य पर होना चाहिए था।
उन्होंने बताया कि विधायक बालमुकुंद आचार्य, जबसे हवामहल सीट सिर्फ 900 वोटों से जीत कर आए हैं, पहले दिन से मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए वैमनस्य फैलाने वाली हरकतें करते रहें हैं। जिससे आए दिन बहुसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा, गरीब मुसलमानों को मारना पीटना व अपमानित होने की घटनाएं जयपुर शहर में आम बात हो गई है | अब वो एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए 29 सितंबर को संकल्प वाहन रैली निकालने वाले हैं जो मीडिया में आई खबरों के अनुसार शहर के मुसलमान बाहुल्य इलाकों से होते हुए रामनवमी की रैली के रूट से ही निकाली जाएगी। जाहिर है यह रैली केवल समाज में द्वेष और मतभेद फैलाने के उद्देश्य से ही निकाली जा रही है, तथा इसमें तरह तरह के नफरती नारे लगाए जाएंगे और भाषण दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा हमें आश्चर्य है कि राजस्थान पुलिस इस रैली के लिए अनुमति भी दे दी है, जिसमे कहा जा रहा है की करीब 5000 -6000 लोग आएंगे। इस रैली का एक ही उद्देश्य है- समाज में नफरत और सांप्रदायिकता फैलाना। इससे समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की पूरी आशंका है। राजस्थान पुलिस कह रही है की आयोजकों से अन्डर्टैकिंग ले लिया गया है। राजस्थान सरकार और पुलिस से हम यह पूछना चाह रहे हैं की क्या 5000 – 6000 लोगों के नारों और उग्र रूप से मोटरसाइकिल चलाने का नियंत्रण किया जा सकता है ? क्या यह रैली अल्पसंख्यक समुदाय को अपमानित और चिढ़ाने के लिए नही निकली जा रही है ?
पीयूसीएल राजस्थान ने इस सम्बन्ध में जयपुर पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर यह मांग की है कि इस रैली की अनुमति न दी जाए और यदि दे दी गई है तो उसे निरस्त किया जाए। ऐसी रैली को न होने दिया जाए जिससे समाज में सद्भाव बिगड़ने का खतरा न हो।
साथ ही यह भी मांग की है कि यदि 29 सितंबर को यह रैली होती है, और इसके कारण शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है तो रैली की अनुमति देने वाले अधिकारियों और रैली में ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों को जवाबदेह बनाने की कार्यवाही भी ज़रूर होनी चाहिए।