क्या अभी भी चल रहा है जयपुर के शहीद स्मारक पर बना “शाहीन बाग़”!


जयपुर के शहीद स्मारक पर आज 19वें दिन भी महिलाओं की भागीदारी पूरी तरह बनी रही और पहले दिन जैसा ही जोश देखने में आया।

”देश भर में सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर के विरुद्ध धरना दे रही हमारी माताएं बहनें व बेटियाँ किसी भी तकलीफ़ या धमकी से नहीं डरती हैं, क्यों कि जिसके दिल में ख़ुदा का डर होता है वह फिर किसी सरकार से भी नहीं डरता है, यह बात हमारे सत्ता में बैठे लोगों को अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए।“ ये शब्द जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इन्जीनियर मुहम्मद सलीम ने कहे।

वे आज जयपुर के शाहीन बाग़, शहीद स्मारक पर धरने में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि,” भारत की बुनियाद हमारा संविधान है जिसमें सभी को बराबर के अधिकार हैं, सबको बराबर का सम्मान है और सभी को अपने धर्मानुसार आचरण करने की अज़ादी है, किसी के साथ नाइन्साफ़ी नहीं है। भारत की इन धर्मनिरपेक्ष बुनियादों पर आज चोट की जा रही है।

हमारे इस अमन व चैन के भारत को नफ़रत के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हमारी माओं, बहनों, बेटियों और दादियों ने यह तय कर लिया है कि वे इस देश को नफ़रत के रास्ते पर नहीं जाने देंगी। उन्होंने कहा कि एक विशेष विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की और आज उसी विचारधारा के मानने वाले केन्द्र में सत्ता में बैठे हैं”

उन्होंने कहा कि,”जनता की चुनी हुई सरकार देश को अपनी मर्जी से नहीं चला सकती।  सरकार सेवक होती है मालिक तो जनता है, जनता इस क़ानून को नहीं चाहती तो वे इसे जबरन थोपने वाले कौन होते हैं।

दलित आदिवासी एकता मंच के बृजमोहन शर्मा ने कहा कि “हम एनआरसी का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि इससे देश पर आर्थिक भार पड़ेगा और हमारे बच्चों का हक़ मारा जाएगा, इससे हिन्दू-मुस्लिम के बीच दूरी बढ़ेगी और देश का सामाजिक ताना-बाना बिखर जाएगा।

उन्होंने केन्द्र सरकार से कहा कि,” आपका यह कहना है कि हम पड़ोसी देशों के अल्पसख्यकों को शरण देना चाहते हैं जबकि इस देश में दलित, जो उच्च जातियों द्वारा पीड़ित हैं, पहले उन्हें तो अधिकार दे दें”

पीयूसीएल की ट्विंकल शर्मा ने कहा कि यह मेरा देश है और हम यहाँ किन्ही दो धर्मों के बीच खाई पैदा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हम इस देश को कभी भी उजड़ने नहीं देंगे, सभी धर्म शान्ति का संदेश देते हैं।

छात्रा कहकशां ने कहा कि यह मेरा देश है और मुझे यहाँ से कोई नहीं निकाल सकता, इस वतन के लिये हमारे बुज़ुर्गों ने क़ुरबानियाँ दी हैं। सीपीआई एम की कुसुम साईवाल ने कहा कि आज महिलाएं अन्याय के ख़िलाफ़ बाहर निकल कर आई हैं तो अब वे न्याय मिलने तक पीछे नहीं हटेंगी।

धरने में पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव, सीपीआईएम की सुमित्रा चोपड़ा, एनएफआईडब्ल्यू की निशा सिद्धू, एडवोकेट शुभांगी, डा. संजय माधव, सीपीआई माले के राहुल चौधरी, मज़दूर किसान शक्ति संगठन के मुकेश निर्वासित, समग्र सेवा संघ के अनिल गोस्वामी, राजस्थान नागरिक मंच के बसंत हरियाणा, भीम आर्मी की डा. नीलोफर, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की यास्मीन फ़ारूक़ी, दलित मुस्लिम एकता मंच के अब्दुल लतीफ़ आरको आदि कई संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

सीएए, एनआरसी, एनपीआर विरोधी जन-आन्दोलन के संयोजक सवाई सिंह ने सभी अफ़वाहों को ख़ारिज करते हुए बताया कि शहीद स्मारक पर शाहीन बाग़ का कार्यक्रम पहले की भांति जारी रहेगा, जब तक कि सीएए वापस नहीं लिया जाता तथा एनपीआर, एनआरसी पर रोक नहीं लगाई जाती। सह-संयोजक मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि धरने पर बैठी महिलाओं के भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने में सभी समुदायों के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ख़राब मौसम के बावजूद महिलाएं 24 घंटे धरने में डटी हुई हैं। उन्होंने बताया कि कल 19 फरवरी को शाम 5 बजे, शाहीन बाग़ में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें जयपुर के सभी न्यायप्रिय नागरिकों को आमंत्रित किया गया है।

बीच में यह ख़बर मिली की जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना समाप्त कर दिया गया है लेकिन यह ख़बर सिर्फ़ अफ़वाह थी धरना अभी भी जारी है!

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