माननीय मोदी जी, मेरे पहले वोट की पर्ची पर राष्ट्रवाद का ठप्पा नहीं होगा ।
लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के रोजगार मुक्त मेनिफेस्टो और कांग्रेस के कथित टुकड़े-टुकड़े मेनिफेस्टो के अलावा चुनाव आयोग की गिरती साख भी नुक्कड़ों का टॉकिंग पॉइंट है।
जहां चुनावी रैलियों में राहुल गांधी पीएम मोदी को डिबेट का ओपन चैलेंज देते नहीं थक रहे वहीं देश के प्रधानमंत्री रैलियों में धड़ल्ले से राष्ट्रवाद के पैकेट बांट रहे हैं।
आज महाराष्ट्र के लातूर में 28 महीनों बाद शिवसेना के साथ मंच शेयर करते हुए पीएम मोदी ने रैली की। उद्धव ठाकरे और मोदी की गर्मजोशी पर फिर कभी बात करेंगे
फिलहाल गौर फरमाते हैं प्रधानमंत्री की देश के फर्स्ट टाइम वोटरों से की गई अपील पर। पीएम मोदी ने कहा ” क्या आपका (यानि फर्स्ट टाइम वोटर) एक वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले सैनिकों के नाम होना चाहिए की नहीं?
माननीय प्रधानमंत्री जी (चौकीदार), मैं देश के प्रधानमंत्री से यह उम्मीद नहीं कर सकता कि वो सेना द्वारा किए गए कामों का इस्तेमाल वोट मांगने करे ?
पाकिस्तान, सेना, जवान के नाम पर आप जो राष्ट्रवाद परोस रहे हैं, इस बार युवा इन झांसों में नहीं आने वाला है, ये युवा बदलाव की बात करेगा, ये युवा खोखले वादे नहीं सुनेगा, ये युवा ढकोसलेबाजी में विश्वास नहीं करेगा….
मेरा पहला वोट उसी को…जो…
जो युवाओं की उन्मादी भीड़ तैयार ना करके रोजगार की बात करेगा ना कि आंकड़ों के जादुई खेल खिलायेगा।
जो धर्म, सम्प्रदाय, जाति के नाम पर हत्याओं पर गम्भीर होगा, जिसके धर्मनिरपेक्ष विजन में साम्प्रदायिक घटनाओं का विरोधाभास नहीं होगा।
जो हर नागरिक के लिए असल मायनों में समानता की बात करेगा।
जो महिलाओं की सुरक्षा महज गुलाबी हेल्पलाइन, लेडी दस्ता जैसे टकोचलों में ना समझते हुए दहेज के लिए घर-घर जलती हर बेटी की बात करेगा। जिसकी महिला सुरक्षा की बात सामाजिक ताने-बाने में बुनी होगी।
जो आतंकवाद को आतंकवाद समझेगा, बस ! और कुछ नहीं।
जो गरीबी को इस देश की फितरत ना समझकर एक देशव्यापी समस्या समझेगा।
जो शिक्षा की बात करेगा, जो यूनिवर्सिटी में नई तकनीक की बात करेगा, जो बरगलाए युवाओं को रास्ते पर लाने का काम करेगा।
मेरा वोट उसी को…मोदी जी !
– आपके राष्ट्रवाद का पैकेट हाथ में लिए एक युवा