बारां। राजस्थान के बारां जिले में 26 अगस्त से 24 अक्टूबर तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 लागू की गई है। जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने यह आदेश जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि आगामी दिनों में बारां जिले में हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, बाबा रामदेव जयन्ती, तेजादशमी, डोल ग्यारस (एकादशी), बारावफात एवं अनन्त चतुर्दशी आदि त्योहार पर्व मनाये जायेगें। उक्त त्योहारों पर्वो के दौरान बारां जिले में जुलूस, झांकियां एवं शोभा यात्राएं निकाली जायेंगी जिनमें अत्यधिक संख्या में जन समूह के एकत्रित होने की संभावना रहती है। उक्त पर्वो पर बारां जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा आदेश जारी किये जाने का निवेदन पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया है।
पुलिस अधीक्षक बारां द्वारा यह आशंका जताई गई है कि बारां जिला साम्प्रदायिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। असामाजिक तत्वों द्वारा उक्त पर्व के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था की स्थिति प्रभावित की जा सकती है, जिससे सामान्य जनजीवन विपरीत रूप से प्रभावित हो सकता है तथा विधि प्रतिकूल अन्य घटनाएं घटित होने की प्रबल सम्भावनाएं हो सकती है एवं समाज व विभिन्न समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे लोगों के जानमाल की हानि हो सकती है। राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व्यक्तियों के आगमन से आम जनजीवन प्रभावित होना एवं लोकशान्ति भंग होने की सम्भावना हो सकती है।
पुलिस अधीक्षक के निवेदन पर रोहिताश्व सिंह तोमर, जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बारां द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत उपरोक्त स्थिति के मध्यनजर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण बारां जिले में दिनांक 26.08.2024 से दिनांक 24.10.2024 तक के लिए निम्न निषेधात्मक आदेश जारी किए गए हैं
1. जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्त्र शस्त्र यथा राईफल, रिवाल्वर, पिस्तोल, बन्दूक, तीर कमान, आदि एवं किसी भी प्रकार के तेजधार वाले अस्त्र जैसे गंडासा, फर्सा, तलवार, चाकू, गुप्ती, त्रिशूल, संगीन पंजा आदि तथा लाठी, पत्थर, ईंट आदि लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं करेगा न ही ऐसे अस्त्र, शस्त्रों का प्रदर्शन करेगा एवं न ही अवैध वाहन का संचालन करेगा। सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल सिविल पुलिस होमगार्ड, सेना एवं उन राज्य एवं केन्द्रीय कर्मचारियों पर जो कानून एवं शांति व्यवस्था के संबंध में अपने हथियार रखने को अधिकृत किये गये है, उन पर लागू नहीं होगा। प्रतिबंधात्मक अवधि में दृष्टिहीन तथा बुजुर्ग व्यक्ति जो बिना लाठी के नही चल सकते हैं, वे लाठी का सहारा ले सकेगें।
2. जिले में कोई भी व्यक्ति अनाधिकृत विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक एवं अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थ लेकर नहीं चलेगा और ना ही उसका प्रयोग करेगा या प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। विस्फोटक पदार्थ बंद डिब्बों, कांच की बोतलों में भी लेकर नही चलेगें व न ही इसका प्रयोग करेंगें।
3. जिले में कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से अनावश्यक तथ्य आदान प्रदान नहीं करेगे जिससे शांति व्यवस्था तथा लोक शांति भंग होने की किसी भी प्रकार की सम्भावना उत्पन्न हो। कोई भी व्यक्ति ना तो स्वयं अफवाह फैलायेगा एवं न ही ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करेगा।
4. सभी धार्मिक जुलूस निर्धारित मार्ग के अलावा अन्य मार्गों पर नही निकालेगें।
5. जल प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से धार्मिक आयोजन के दौरान प्लास्टर आफ पेरिस से निर्मित मूर्तियों का निर्माण तथा उनका जलाशयों, नदियो, नहरों, तालाबों में विसर्जन निषेध होगा।
6.कोई भी व्यक्ति, संस्था या जनसमूह किसी भी प्रकार के साम्प्रदायिक विद्वेष उत्पन्न करने वाले आपत्तिजनक व उत्तेजनात्मक नारे नहीं लगायेगा।
7. कोई केबल टी०वी० आपरेटर उसके द्वारा संचालित केबल टीवी पर ऐसे विज्ञापन समाचार का प्रसारण नहीं करेगा जिससे कानून-व्यवस्था बिगाडने की सम्भावना हो।
8. कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने वाले नारे/लेख नहीं लिखेगा एवं ना ही इस प्रकार के कोई पर्चे छपवायेगा और वितरण नहीं करेगा।
9. कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रसारण यंत्रो यथा लाउड स्पीकर आदि के माध्यम से साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाडने वाले गाने नहीं बजायेगा।
10. उक्त पर्वो के दौरान बारां जिले में जुलूस, झांकियां एवं शोभा यात्राओं के आयोजन के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रतिबंधित किसी भी वाहन का उपयोग नहीं किया जायेगा।
11. कोई भी प्रिन्टिंग प्रेस द्वारा ऐसी सामग्री पम्पलेट, पोस्टर आदि का मुद्रण नहीं किया जायेगा जिससे कि किसी धर्म विशेष, सम्प्रदाय विशेष की भावना को ठेस पहुंचती हो।
12. धार्मिक जुलूसों के मार्ग वाले मकानों की छतों पर कोई व्यक्ति रेत, पत्थर ईंट आदि ऐसी कोई सामग्री एकत्रित नहीं करेगा जिसका उपयोग किसी को भी चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता हो।
13. जल प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से धार्मिक आयोजनों के दौरान पीओपी निर्मित मूर्तियों का निर्माण तथा जलाशयों, नदियो, नहरों, तालाबों आदि में विसर्जन निषेध रहेगा।
14. धार्मिक आयोजनों एवं अन्य अवसरों पर मानव जीवन की सुरक्षार्थ समस्त जलाशयों, नदियों, नहरों, तालाबों आदि में प्रशिक्षित तैराकों एवं गोताखोरों के अलावा स्नान या अन्य किसी भी उद्देश्य से व्यक्तियों का जोखिमपूर्ण प्रवेश निषेध रहेगा।
15. धार्मिक आयोजनों के दौरान विसर्जन की कार्यवाही प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा ही की जावेगी।
16. धार्मिक आयोजनों के दौरान मानव जीवन को संकट उत्पन्न करने वाले विस्फोटक एवं ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग पूर्णतः निषेध रहेगा।
17. समस्त धार्मिक, राजनैतिक एवं सामाजिक आयोजनों, सभाओं जिनमें पांच व्यक्तियों से अधिक व्यक्तियों का सामान्य उद्देश्य से एकत्रित होना संभाव्य हो, के आयोजन की प्रशासनिक पूर्वानुमति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से प्राप्त करना आवश्यक होगा।
उपर्युक्त प्रतिबंध कानून एवं व्यवस्था से संबंधित ड्यूटी में संलग्न अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश सम्पूर्ण बारां जिले में तुरन्त प्रभाव से लागू होगा तथा दिनांक 24 अक्टूबर, 2024 तक प्रभावशील रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्यवाही की जावेगी।