आज जयपुर में जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में फ़िल्म अभिनेत्री लेखक और निर्देशक नंदिता दास ने अपनी किताब “मंटो और मैं” पर बात की!
इस दौरान उन्होंने कहा की मंटो का जीवन विरोध का जीवन था और आज भी देश में विरोध करने की आवश्यकता है!
उन्होंने देश में CAA के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों की तारीफ़ की और कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है.
देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया है. आप किसी भी जाति, लिंग या धर्म के हो सकते हैं लेकिन आप संविधान के तहत समान हैं. और यदि आप उस समानता में विश्वास करते हैं, तो आप किसी भी प्रकार का अलगाव नहीं देखना चाहेंगे.’
फिल्म निर्देशक नंदिता दास ने कहा, ‘हमने संभवत: पिछले 50 सालों में ऐसी बेरोजगारी नहीं देखी. अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. जो कुछ चल रहा है, अंतरराष्ट्रीय अखबार इसके बारे में लिख रहे हैं. ये पहला ऐसा मौका है जब हमें धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है.’