पूरे देश में प्रवासियों के अपने घरों तक पहुँचने की जद्दोजहद में ऐसी कई कहानियाँ भी सामने आ रही है जो वास्तव में भारत के इन मेहनतकशों की मजबूरी को बयां कर रही हैं!
यह कहानी है भिवंडी में काम कर रहे लखनऊ के रहने वाले मोहम्मद जावेद की! मोहम्मद जावेद कुछ मज़दूरों को अपने टैम्पो में लेकर मुंबई नासिक हाईवे से लखनऊ जा रहे थे!
पीछे 20 लोग उनके टैंपो में बैठे हैं और आगे उनकी पत्नी और दो बच्चे भी हैं यह रिपोर्ट NDTV के सोहित मिश्रा ने की है!
सोहित मिश्रा ने मोहम्मद जावेद से बात की मोहम्मद जावेद ने बताया कि हम हमारे परिवार के साथ 20 अन्य स्थानीय लोगों को लेकर अपने वतन लखनऊ चल पड़े हैं!
मजदूरों की ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं..
लगातार हम मुंबई नासिक हाइवे पर मजदूरों की परेशानी आपको बता रहे हैं, आज भी यही कर रहा था.. सुबह 10 बजे के करीब वासिंद में हमारी मुलाकात मोहम्मद जावेद से हुई.. अपने परिवार और गाँव के कुछ लोगों को मिलाके करीब 20 लोग टेम्पो से जा रहे थे pic.twitter.com/TZCAyjjAVV
— sohit mishra (@sohitmishra99) May 11, 2020
मुंबई नासिक हाईवे पर रिपोर्टिंग कर रहे सोहित मिश्रा जब वापस उसी सड़क से लौटे तो उन्होंने देखा कि सड़क के किनारे वही टैंपो दुर्घटनाग्रस्त हुआ पड़ा है !
आसपास के लोगों से जानकारी लेने पर पता चला कि दुर्घटना में टेम्पो उलट गया जिसमें मोहम्मद जावेद की मौत हो गई है और उनकी पत्नी और बच्चों समेत टेम्पो में मौजूद 20 लोग भी ज़ख़्मी हो गए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है!
ऐसी बहुत सी कहानियां हैं जो इस लॉकडाउन में या तो सुनाई नहीं दे रही है या फिर कोई उन्हें सुनना और देखना चाहता ही नहीं !
पिछले दिनों आँध्र प्रदेश में पटरी पर सो रहे सोलह मज़दूरों को ट्रेन ने कुचल दिया था अपने घरों की ओर पैदल और जैसे तैसे जा रहे मज़दूरों की मौतों का अभी तक कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है
लेकिन द वायर वेबसाइट के मुताबिक़ अब तक चार सौ मज़दूरों की मौत हो चुकी है!
सोहित कुमार ने ट्वीट करते हुए मोहम्मद जावेद की पत्नी का बैंक अकाउंट शेयर किया है और लोगों से मदद की अपील की है!
जिस मोहम्मद जावेद की मौत हादसे में हुई थी, उनकी पत्नी का इलाज सायन अस्पताल में चल रहा है। उनसे बात कर उनका अकाउंट नम्बर मंगवाया है, आप में से कई लोगों ने मदद करने की इच्छा जताई है, इसलिए उनसे पूछकर ही खाते की जानकारी भेज रहा हूँ, कृपया मदद कीजियेगा ?? pic.twitter.com/0sVohnDApv
— sohit mishra (@sohitmishra99) May 13, 2020
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूरे देश में पिछले 50 दिनों से लॉक डाउन है जिससे सबसे अधिक प्रभावित देश के मज़दूर ग़रीब हुए हैं!
देश भर के अलग अलग राज्यों में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करना भी मुश्किल हो गया है ऐसे में पूरे देश में प्रवासी मज़दूर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं!
तो कारोबार बंद है और फैक्ट्रियों और कम्पनियों के पूरी तरह बंद होने से उनके रोज़गार पूरी तरह ठप हो गए हैं द क्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले पचास दिन में देश भर में लगभग 1 करोड़ 20 लाख लोगों की रोटी रोज़ी पर संकट आया है!