राजस्थान में 16 नवंबर को हुए नगरपालिकाओं के चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की है ! दो हज़ार से अधिक निकाय पार्षदों के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया है !राज्य निर्वाचन विभाग की वेबसाइट के अनुसार परिणाम आने के बाद सभी 2,105 वार्डों में स्थिति साफ हो गई है।
इन परिणाम के अनुसार, कुल मिलाकर बात की जाए तो कांग्रेस के 961, बीजेपी के 737, बीएसपी के 16, सीपीएम के तीन, एनसीपी के दो प्रत्याशी जीते हैं। परिणामों में रोचक बात यह है कि 386 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, जो कई जगह बोर्ड बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
नगर परिषदों की बात करें तो 17 में से 9 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है तो 7 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाज़ी मारी है ! सिर्फ एक सीट बालोतरा में बीजेपी को जीत मिल पायी है !
कांग्रेस के लिए लिए सुखद अहसास लेकर आये नतीजों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “
‘जनता ने मैंडेट दिया है यह सोच कर कि सरकार जिस रूप में परफॉर्म कर रही है, उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हम चाहेंगे कि जो समस्याएं शहर की हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर हल करें और जनता ने विश्वास प्रकट किया है उनकी अपेक्षा और आशाओं के अनुरूप सरकार काम करे। मैं जनता को कहना चाहूंगा कि आप निश्चिन्त रहें, हम लोग काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे”
Rajasthan local body elections: Congress wins 961 seats, BJP 737 seats. 386 Independent candidates have also won the local body elections. pic.twitter.com/IKFuelyxNg
— ANI (@ANI) November 19, 2019
नतीजों के मायने और असर
अपने ऐतिहासिक बुरे दौर से गुज़र रही कांग्रेस के लिए ये छोटे-छोटे चुनावी परिणाम भी उम्मीद लेकर आते हैं !पिछले दिसंबर में ही सरकार बनाने वाली कांग्रेस के लिए खुद को साबित करने का यह दूसरा मौक़ा था !
हालांकि लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव से तीन महीने बाद ही हुई थे ! लेकिन अब एक साल बीत जाने के बात लोकल बॉडी इलेक्शन सरकार के काम काज को लेकर ही हो रहे हैं !यह सरकार के एक साल के लेखा जोखा के रूप में देखे जा रहे हैं !
किसकी जीत
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से लेकर शुरू हुई सचिन पायलट और गहलोत के बीच चल रही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जंग गाहे बगाहे सामने आ ही जाती है ! पायलट सूबे में पार्टी के मुख्या हैं तो गहलोत सरकार के ! इस बीच यह किसकी जीत है यह तय करने के लिए आने वाले दिनों में बस बयानों का ही इन्तिज़ार किया जाना चाहिए !