आसिफा के केस की असली हीरो दीपिका रजावत नहीं कोई और है!

कठुआ गैंग रेप के केस में आज सजा का ऐलान हो गया है जिसमें 6 लोगों को दोषी माना गया है। तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा हुई है जो अपनी मृत्यु तक जेल में ही रहेंगे। बाकी तीन दोषीयों को 5 – 5 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना किया गया है।


सजा इस प्रकार है

दीपक खजूरिया – उम्र कैद
सांझी राम – उम्र कैद
प्रवेश कुमार – उम्रकैद
तिलक राज – 5 साल की सज़ा
सुरेंद्र कुमार – 5 साल की सज़ा
आनंद दत्ता – 5 साल की सज़ा


आसिफा केस में दीपिका रजावत केवल दो सुनवाई में शामिल हुई थी। उस दो सुनवाई के बाद दीपिका ने बहाने बनाने शुरू किए इसलिए ही परिवार वालों ने दीपिका को केस से हटाकर मुबीन फारूकी को अपना वकील बनाया। यह इंसाफ की पूरी लड़ाई एडवोकेट मुबीन फ़ारूकी ने लड़ी है।

लेकिन फ़िर भी दोनो का धन्यवाद, दीपिका राजावत वो है जिसने आगाज़ किया और मुबीन फ़ारूक़ी वो है जिसने अन्जाम तक पहुचाया और दोषियों को सजा दिलवाई।

बच्ची के परिवार ने पिछले साल नवंबर में दीपिका को केस से अलग कर दिया था. परिवार का आरोप था कि दीपिका केस की हर सुनवाई में कोर्ट नहीं जाती हैं. लेकिन जब भी इस केस की बात होगी तब दीपिका का जिक्र जरूर आएगा.

भले ही लड़ाई का आग़ाज़ दीपिका ने किया हो लेकिन इंसाफ की असली लड़ाई तो एडवोकेट मुबीन फ़ारूक़ी ने ही लड़ी है और उसको अंजाम तक भी पहुंचाया है।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की स्पेशल इंवेशटिगेशन टीम (एसआईटी) की एकमात्र महिला सदस्य और पुलिस अधिकारी DCP श्वेतांबरी शर्मा का भी इस मामले में इंसाफ दिलवाने में बड़ा अहम रोल रहा है।

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