जाती निर्मूलन की लड़ाई के सिपाई की गिरफ्तारी?
भीमा कोरेगांव मामले में महाराष्ट्रा की पुलिस जानेमाने बुद्धिजीवी और जाति निर्मूलन की लडाई के एक बेखौफ सिपाई आनंद तेलतुंबडे को बिना कोई सूबूत UAPA के काले कानून के तहत जेल में डालने का तख्ता तैयार कर रही है। इस खतरनाक साजिश के खिलाफ पूरे देश में जबरदस्त आंदोलन होना चाहिए, तुरंत ही ।
आनंद तेलतुंबडे बाबा साहब के परिवार के दामाद है लेकिन उन्होंने कभी भी इस बात को भुनाया नहीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीब वंचित दबे कुचले लोगों के बारे में लिखने में और उन के लिए संघर्ष करने में बिताया है। महाड के सत्याग्रह के बारे में और खैरलांजी दलित हत्याकांड के बारे में उन्होंने जबरदस्त किताबें लिखि है। जिस प्रकार मैंने भीमा कोरेगांव नाम की जगह को देखा तक नहीं तब भी मेरे खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर दिया , बिलकुल उसी तरह
भीम कोरेगांव मामलें में आनन्द का दूर दूर तक कोई संबंध नहीं फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर किया गया है – वह भी UAPA नाम के काले कानून के तहत। दुनिया की कोई भी जांच एजेंसी आनंद के खिलाफ कोई सूबूत जुटा नहीं पाएंगी उतना साफ उनका चरित्र रहा है। अदालत में कुछ भी साबित होनेवाला नहीं फिर भी ऐसे कानून के तहत उनकी गिरफ्तारी का तख्ता तैयार किया गया है जिस में सालों तक जमानत मिलने की कोई गुंजाइश ही नहीं।
आनंद का कसूर सिर्फ इतना है कि वह जाती निर्मूलन की बात करते है, वह सरकारों के खिलाफ लिखते – लड़ते रहे है ओर भाजपा-आर.एस. एस. के मनुवादी एजंडा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करते रहे है।
इस क्रांतिकारी आंदोलनकारी की गिरफ्तारी हर कीमत पर रुकनी चाहिए। हम मांग करते है भारत सरकार से, महाराष्ट्र सरकार से की आनंद के खिलाफ दर्ज किया गया फ़र्ज़ी मुकद्दमा वापस लिया जाए और हर कीमत पर उनकी गिरफ्तारी पर रोक दी जाए।
फेसबुक के मेरे सभी चाहनेवालों से अपील है इस पोस्ट को देश के कोने कोने में पहुंचाए में मदद करें, इसे जमकर शेर करे।
जय भीम।
-जिग्नेश मेवानी
(यह पोस्ट जिग्नेश मेवानी के ऑफिसियल फेसबुक पेज से ली गई है)