उर्दू के साथ हो रहे भेदभाव व शमशेर भालू खां की दांडी यात्रा (1090 किलोमीटर) के समर्थन में 3 पैदल यात्रा भारू ,सिरियासर और देरवाला गांवो से शुरू होकर झुंझुनू पहुँची ।
भारू से निकलने वाली पैदल यात्रा 18 किलोमीटर चल कर झुंझुनू पहुँची जिसमें भारू, मदनसर, भीमसर, शेखसर, सिरियासर,नुआ टाइ, महनसर, मुकुंदगढ़ व झुंझुनू के युवा शामिल हुए, पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य झुंझुनूं के विद्यालयों और महाविद्यालयों में उर्दू स्वीकृत करवाना है।
सारे युवाओं ने एक आवाज में राजस्थान सरकार को उर्दू के साथ हो रहे भेदभाव के लिए चेताया, भारू के युवाओं ने कहा कि हमारे पास हेतमसर के कॉलेज में ही उर्दू स्वीकृत नहीं है और झुँझुनू के मलसीसर कॉलेज को छोड़कर किसी भी कॉलेज में उर्दू स्वीकृत नहीं है जिससे कांग्रेस सरकार का भेदभाव पूर्ण व्यवहार नजर आता है!
झुंझुनूं में इब्राहीम खान के नेतृत्व में 168 फीट के तिरंगे के साथ सभी युवाओं ने झुंझुनू शहर में मार्च निकाला! उसके बाद ADM को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें इंजी इब्राहीम खान (चेयरमैन, मुस्लिम वेलफेयर फ्रंट ), इंजी आरिफ अली भारू , शब्बीर अली गहलोत , तहसीन कुरैशी (अध्यक्ष, हेल्पिंग हैंड्स झुंझुनू) व उम्मेद खा गिडानिया (जिला अध्यक्ष , कायमखानी महासभा झुंझुनू) शामिल रहे ।
– इंजी आरिफ अली भारू