जयपुर कलक्टर ने अधिकारियों को तुरंत सर्वे कर सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के मज़दूरों को भोजन उपलब्ध कराने के दिए आदेश
सामाजिक संगठनों ने सर्वे में पूरा सहयोग देने व मजदूरों को तुरंत सूखा राशन दिये जाने की मांग की
लम्बे समय से सामाजिक संगठनों और यूनियनों के प्रतिनिधियों द्वारा सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र सहित जयपुर व राज्य के अन्य औद्योगिक क्षेत्र के सभी मजदूरों का तत्काल सर्वे कर सूखा राशन दिए जाने की मांग की जा रही है .
इस मांग पर जयपुर जिला कलक्टर जोगाराम ने तत्परता दिखाते हुए आज, इंडिया गेट के पास स्थित बालू भट्टी में स्थित मजदूरों के यहाँ जाकर बात की.
यहाँ पर श्रमिक इजहार जो बिहार के रहने वाले हैं, उन्होंने जिला कलक्टर को बताया कि वे अब भूखे रहने को मजबूर हैं क्योंकि 12 दिन से फैक्ट्री बंद हैं और जो भी राशन घर में था, वह खत्म हो चुका है, खाने के पैकेट पर कब तक जीयेंगे और वह भी रोज़ मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि हमें किसी दिन मिलता है किसी दिन एक समय मिलता है और किसी दिन मिलता ही नहीं है.
उन्होंने जिला कलक्टर से सूखा राशन दिए जाने की मांग की. उन्होंने यह भी बताया की भी बड़ी तादाद में प्रवासी मज़दूर जो मुख्यतः बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के हैं, व दिहाड़ी पर व पीस रेट पर काम करते हैं और इस पूरे इलाके के मजदूर भूखे रहने को मजबूर हैं.
संगठनों और यूनियनों के कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस समय सीतापुरा या अन्य औद्योगिक इलाकों में मजदूरों की तादाद कितनी है यह कहा नहीं जा सकता है इसलिए एक सर्वे तुरंत संयुक्त रूप से कराया जाये जिसमें संगठनों और यूनियनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाये.
इलाके का दौरा करने के बाद व उद्योगपतियों से मिलने के बाद जिला कलेक्टर ने सांगानेर उपखंड अधिकारी को निर्देशित किया है, जिस पर उपखंड अधिकारी सांगानेर ने आदेश निकाला.
आदेश में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि 2 दिन में सर्वे कर मजदूरों की खाने की स्थिति और बकाया वेतन की स्थिति को आधार बना कर उनकी खाद्य सुरक्षा की योजना बनाई जाएगी.
यह सर्वे उद्योगपतियों व संगठनो की मदद से करने की भी बात आदेश में कही गई है. हमने भी तुरंत सर्वे किये जाने और सूखा राशन बांटे जाने में पूरा सहयोग और मदद किये जाने का आश्वासन दिया है.
सामाजिक संगठनों का मानना है कि सिर्फ सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र और उसके आसपास कम से कम 15 से 20 हजार या उससे भी अधिक मजदूर हो सकते हैं.
वे किराये पर रहकर अपनी दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन जयपुर में बिता रहे हैं इसलिए खाना बनाने की पूरी व्यवस्था उनके पास है.
अभी इस इलाके में पका पकाये भोजन की व्यवस्था बहुत कम है . अगर सुबह पैकेट मिला तो शाम को नहीं मिल रहा है . यदि किसी व्यक्ति को एक समय ही मिल रहा है तो यह भुखमरी का जीवन ही है. इसिलए सूखा राशन तुरंत दिया जाये.
ज्ञात हो कि खाद्य व नागरिक आपूर्ति शासन सचिव व जयपुर जिला कलेक्टर को पूर्व में लिखे गए पत्र में सामाजिक संगठनों ने यह मांग की थी कि:-
जयपुर के सभी औद्योगिक क्षेत्र में संयुक्त सर्वे सामाजिक संगठनों और यूनियनों के प्रतिनिधियों व सरकारी अधिकारियों द्वारा तुरंत फौरी तौर पर किया जाये.
23 मार्च के राजस्थान सरकार के आदेश के तहत अगले 2 दिनों में सभी ज़रुरतमंदों को सूखा राशन बाँटने की शुरुआत की जाए और उन्हें एक महीने के लिए राशन दिया जाए.
23 मार्च के आदेश में यह भी कहा गया है कि कलक्टर अनटाइड और सीएम रिलीफ फण्ड से धन का इस्तेमाल कर खाध्य व सामाजिक सुरक्षा पूर्ती करें.
जिन मजदूरों का किसी भी कंपनी के पास भुगतान लंबित है तो उसे तुरंत करवाया जाये और जिन मजदूरों को भुगतान लेबर कांट्रेक्टर के माध्यम से दिया जाये उस स्थिति में सभी लेबर कांट्रेक्टर को भुगतान कंपनियों से कराया जाये.
मकान मालिकों को चेतावनी दी जाए कि वे मजदूरों से किराया मांगकर या माकन खाली कराने के लिए तंग ना करें . उनके द्वारा कमरा, बिजली, पानी बाकायदा ज़ारी रखा जाए. पका पकाया भोजन व्यवस्थित रूप में इस थोड़े समय के लिए दिया जाये.
निम्नलिखित सामाजिक संगठनों द्वारा कलेक्टर से मज़दूरों की भोजन व्यवस्था करने की मांग की गई।
पीयूसीएल राजस्थान – कविता श्रीवास्तव, पप्पू कुमावत, अखिल चौधरी
सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज, राजस्थान – कोमल श्रीवास्तव, हेमंत मोहनपुरिया व बाबूलाल
निर्माण एवं जनरल मजदूर यूनियन – हरिकेश बुगालिया
मजदूर किसान शक्ति संगठन – अरुणा रॉय व निखिल डे
राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन – मुकेश गोस्वामी-
सूचना का अधिकार मंच – कमल टांक
भारत ज्ञान विज्ञानं समिति – अनिल शर्मा
हेल्पिंग हैंड्स जयपुर – नईम रब्बानी, डॉ राशिद हुसैन, नुरुल अबसार, वकार अहमद,
ओमा फाउंडेशन – डॉ. सुनीता शर्मा
जमाते इस्लामी हिन्द – मो. नाजिमुद्दीन
पिंक सिटी हज एंड एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी – अब्दुल सलाम जौहर